भोपाल। वाहनों का डाटा स्मार्ट चिप कंपनी के सर्वर से राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) ट्रांसफर हो गया है, लेकिन डाटा ट्रांसफर होने की वजह से माल वाहक वाहनों को नेशनल परमिट जारी नहीं हो पा रहे हैं। इस वजह से ट्रांसपोर्टरों की गाडिय़ां खड़ी हो गई हैं। इस समस्या को लेकर ट्रक आपरेटर परिवहन कार्यालय में चक्कर काट रहे हैं। परिवहन आयुक्त तक यह मामला पहुंचा है। इसके चलते 24 मार्च को भोपाल में आयुक्त ने एनआइसी सहित विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
31 मार्च के बाद परिवहन विभाग से जुड़ी सभी सेवाएं एनआईसी के पोर्टल से मिलना शुरू हो जाएंगी। वाहनों से जुड़ी सेवाएं वाहन-4 व लाइसेंस से जुड़ी सेवाएं सारथी-4 पोर्टल पर मिलेंगी। स्मार्ट चिप के सर्वर से डाटा वाहन-4 पर पोर्ट किया गया है। इस पोर्ट के चलते वाहनों से जुड़ी सेवाएं रोक दी गई थीं। जैसे कि वाहनों की फिटनेस बंद नहीं थी, लेकिन अब फिटनेस का विकल्प खुल गया है। नेशनल परमिट में सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। दूसरे राज्यों के ऐसे पुराने माल वाहन, जिनको एनओसी लेकर प्रदेश में रजिस्टर्ड किए गए हैं। वाहन-4 पोर्टल पर गाड़ी को लेकर दो राज्यों का डाटा (जिस स्टेट से गाड़ी लाई गई है, दूसरा एमपी का) दिखाई दे रहा है, लेकिन परमिट नवीनीकरण का विकल्प नहीं दिख रहा है। इस कारण परमिट जारी नहीं हो रहे हैं। नेशनल परमिट नहीं मिलने से वाहन को दूसरे राज्य में नहीं ले जा पा रहे हैं। आरटीओ एचके सिंह का कहना है कि आल इंडिया परमिट जारी करने में दिक्कत आ रही है।
राज्य के परमिट में नहीं आ रही दिक्कत
प्रदेश के परमिट जारी करने में दिक्कत नहीं आ रही है, क्योंकि इन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से मैन्युअल जारी किया जा रहा है, जबकि आल इंडिया परमिट आनलाइन ही जारी किया जाना है। बसों के परमिट में भी दिक्कत आ रही है। यह समस्या पूरे प्रदेश के कार्यालयों में आ रही है। परिवहन विभाग में 31 मार्च के बाद स्मार्ट चिप कंपनी का सर्वर बंद हो जाएगा।
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