नई दिल्ली । भाजपा विधायक (BJP MLA) विजेंद्र गुप्ता (Vijendra Gupta) ने विधानसभा अध्यक्ष (Speaker of the Assembly) रामनिवास गोयल (Ramniwas Goyal) द्वारा उन्हें एक साल के लिए निलंबित करने (Suspend Them for One Year) के फैसले के खिलाफ (Against the Verdict) गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) का दरवाजा खटखटाया (Knocked on the Door) । विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने और सदन को बाधित करने के आरोप में उन्हें एक साल के लिए निलंबित किया है । मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की खंडपीठ विधायक की याचिका पर सुनवाई कर रही है । यह जानकारी गुप्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने दी। खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले की तत्काल सुनवाई की अनुमति दी।
बैठक के दौरान गुप्ता ने सोशल मीडिया पर दिल्ली के बजट विवरण लीक करने के लिए वित्त मंत्री कैलाश गहलोत और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया था। गोयल ने जवाब दिया था, नियम के अनुसार, इस तरह के नोटिस को तीन घंटे पहले देना होता है। आप कह रहे हैं कि इस पर आज ही चर्चा होनी चाहिए। ऐसा लगता है कि इसका उद्देश्य हंगामा करना और सदन का समय बर्बाद करना है।
विधानसभा अध्यक्ष ने गुप्ता को कड़ी चेतावनी भी दी। उनके द्वारा दिए गए नोटिस में सोमवार को विधानसभा में पेश किए गए ‘आउटकम बजट’ के ब्योरे के लीक होने का जिक्र था, लेकिन सदन में बोलते हुए उन्होंने 2023-24 के बजट के बारे में बात की, जिसे पेश किया जाना था। गुप्ता ने मामले को एक बार फिर उठाया, जब दोपहर 2 बजे सदन फिर से शुरू हुआ, और आप विधायक संजीव झा ने आग्रह किया कि उन्हें एक साल के लिए निष्कासित कर दिया जाए। सदन द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें गोयल ने कहा कि गुप्ता को अगले बजट सत्र तक दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया है।
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