गुना। कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. द्वारा खनिज मिट्टी के अवैध परिवहन के 4 अलग-अलग प्रकरणों में 1 लाख 16 हजार रूपये प्रशमन राशि सहित जुर्माना राशि अधिरोपित किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं। खनिज अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार खनिज मिट्टी के अवैध परिवहन की जांच के दौरान 4 अलग-अलग प्रकरणों में 4 घनमीटर से संबंधित अभिवहन पारपत्र की मांग ट्रेक्टर-ट्राली चालक से की गयी। ट्रेक्टर-ट्राली के चालकों द्वारा अभिवहन पारपत्र प्रस्तुत नही किया गया। जिस पर खनिज प्रावधान अनुसार ट्रेक्टर-ट्राली मय खनिज जप्त कर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। संपूर्ण प्रकरणों में कलेक्टर द्वारा खनिज रेत के अवैध परिवहन के 4 अलग-अलग प्रकरणों में 28 हजार रूपये एवं प्रशमन राशि 1000 रूपये (1 लाख 16 हजार रूपये) अधिरोपित कर खनिज अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि उक्त राशि जमा हो जाने के पश्चात जप्तशुदा ट्रेक्टर-ट्राली को मय खनिज यदि किसी अन्य प्रकरण में वाहन की आवश्यकता न होने पर विधिवत मुक्त किये जाने की विधि संगत कार्यवाही करें।
मुरम,कोपरा, मिट्टी का अवैध उत्खनन परिवहन
खनिज विभाग की चौथ वसूली के चलते खनिज माफियाओं के हौसले बुलंदी पर बने हुए हैं जिलेभर में माफियाओं के द्वारा अवैध रूप से सरकारी व वन विभाग की जमीन से मुरम, पत्थर, मिट्टी निकालकर ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं, माइनिंग विभाग के अफसरों की मिलीभगत से माफिया चौबीसों घंटे अवैध खनन उत्खनन परिवहन कर सरकार के खजाने को करोड़ों रुपए का राजस्व चूना बड़ी आसानी से लगा रहे हैं हालांकि इन माफियाओं से खनिज विभाग के जिम्मेदार अफसरों की खुली सेटिंग है जिसके चलते मोटी राशि माफियाओं के द्वारा अधिकारियों को समय-समय पर उपलब्ध कराई जाती है जिसके चलते उन्हें अवैध कारोबार करने की क्लीनचिट खनिज विभाग के द्वारा प्रदान की जाती है, विभागीय अधिकारियों पर प्रेशर पडऩे पर कार्यवाही के नाम पर खनिज अधिकारी दीपक सक्सेना के द्वारा कलेक्टर को गोलमोल रिपोर्ट पेश की जाकर गुमराह किया जाता है।
पनडुब्बी से माफिया नदियों से निकाल रहे रेत
सिंध, पार्वती के अलावा सहरसा जिले भर में मौजूद छोटे-मोटे नदी नालों से भी माफियाओं के द्वारा चौबीसों घंटे अवैध रूप से रेत निकाली जा रही है जिलेभर में अवैध रूप से रेत का कारोबार खुलेआम चल रहा है मामले की जानकारी प्रशासनिक अफसरों के अलावा विभागीय अधिकारियों को भी है लेकिन हफ्ता वसूली के चलते अफसरों ने अपनी आंखें मूंद रखी हैं, खुलेआम चल रहे इस धंधे पर लगाम लगाने में अफसर दिलचस्पी नहीं दिखा पा रहे हैं जिससे कि शासन के खजाने को करोडों रुपए का राजस्व चूना बड़ी आसानी से लगाकर माफिया अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved