पटना (Patna)। ग्वालियर से बिहार (Gwalior to Bihar) आई ट्रेन की एक बोगी (train carriage) के अंदर शराब की जांच के दौरान झोले में विस्फोटक (Explosive) था। सीवान स्टेशन (Siwan Station) पर ट्रेन के अंदर शराब जांच (liquor check inside train) रही टीम में शामिल सिपाही को लावारिस झोले में विस्फोटक का अनुमान नहीं था तो उसने झोला GRP थाने में रख दिया। थानाध्यक्ष ने झोले के अंदर विस्फोटक देखा तो रेल ADG को सूचना दी। बम निरोधक दस्ते ने पहुंचकर विस्फोटकों को निष्क्रिय कर दिया है। आधी रात इस घटनाक्रम से सीवान स्टेशन पर अफरातफरी मच गई, हालांकि कोई अप्रिय घटना नहीं होने से राहत है।
बगैर जानकारी तीन घंटे टंगे रहे झोले
सीवान रेलवे स्टेशन पर शाम में राजकीय रेल पुलिस (GRP) की टीम शराब की जांच कर रही थी7 ग्वालियर से आई ट्रेन की एक जनरल बोगी के अंदर शब्बीर मियां नाम के सिपाही को चार लावारिस झोले मिले। चारों झोले के अंदर खोजबीन नहीं करते हुए सिपाही ने उन्हें जीआरपी थाने के अंदर खूंटी पर टांग दिया। इसके बाद सभी अपने अपने काम में लग गए। करीब तीन घंटे बाद शाम सात बजे जीआरपी थानाध्यक्ष की नजर झोले पर गई।
जानकारी के बाद भी तीन घंटे गुजारना पड़ा
खोलते ही चारों झोलों में विस्फोटक पदार्थ का अनुमान लग गया। कुछ ही मिनटों में जीआरपी थाना को खाली कर दिया गया। रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी मच गई। थानाध्यक्ष ने रेलवे एडीजी को सूचना दी तो करीब 10 बजे बम निरोधक दस्ता सीवान स्टेशन पहुंचा और निष्क्रिय करने के बाद थैले को लेकर टीम निकल गई। अबतक रेलवे की ओर से औपचारिक बयान प्राप्त नहीं हुआ है कि सीवान से आगे बढ़ गई इस ट्रेन में कहीं और जांच हुई या नहीं।
जांच से पता चलेगा कि सामग्री क्या थी
शशि कुमार के नेतृत्व में सीवान पहुंचे बम निरोधक दस्ते ने जीआरपी ऑफिस के पीछे के रास्ते से बमों के झोले को बाल्टी में बारी-बारी से निकाला। निरोधक दस्ते ने पुष्टि की कि देखने से विस्फोटक लग रही सामग्री को पूरी सुरक्षा में ले जाया जा रहा है। इसकी जांच कर बताया जा सकेगा कि सामग्री वस्तुत: क्या थी और उसकी क्षमता कैसी थी।
भगदड़ से बचने के लिए यात्रियों को नहीं दी जानकारी
जीआरपी थानाध्यक्ष सुधीर कुमार ने सिर्फ इतना कहा कि विस्फोटक पदार्थ होने की सूचना पर बम निरोधक दस्ता पहुंचा और वह सुरक्षित तरीके से सामग्री को निकालकर ले जाने में कामयाब रहा। स्टेशन पर आम यात्रियों को आसपास नहीं आने दिया गया था और ज्यादा जानकारी नहीं दी गई थी ताकि भगदड़ जैसी स्थिति न बने।
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