उज्जैन। वातावरण में परितर्वन के कारण बीमारियां बढ़ रही है। चिकित्सकों का कहना है कि बीमारी व्यक्ति के संपर्क में आने से बच्चों केा बचाएं । क्योंकि मरीज के संपर्क में आने से बच्चे तेजी से बीमार होते हैं। मौसम में परिवर्तन के कारण बच्चे से लेकर बड़े तक बीमार हो रहे हैं। दिन व रात के तापमान में दो गुना से अधिक अंतर है। यह मौसम वायरल संक्रमण के लिए अनुकूल होता है। इसलिए इस मौसम में लापरवाही न बरतें यह आपको बीमारी दे सकता है। इसलिए सर्दी,खांसी,जुकाम, बुखार की शिकायत हो तो तत्काल डाक्टर से परामर्श लें। क्योंकि समय रहते इलाज लेने पर बीमारी पर नियंत्रण जल्द पाया जा सकता है। यदि इसमें लापरवाही बरती तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
घर में बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बड़ों को मास्क लगाकर रखना चाहिए क्योंकि बच्चों में जल्दी इंफेक्शन फैलता है। बच्चों को बताएं कि बार-बार हाथ धोएं, इससे इंफेक्शन को रोका जा सकता है। अभी बच्चों में सबसे ज्यादा छाती और गले में इफेक्शन हो रहा है। यह समस्या पांच-छह दिन तक बनी रहती है। ऐसे में जिन बच्चों को पलू वैक्सीन नहीं लगी है, उन्हें वैक्सीन लगवाएं। जिन बच्चों को वैक्सीन लगी है, वह वायरल की चपेट में कम आ रहे हैं और यदि आ भी जाते हैं तो जल्द स्वस्थ हो जाते हैं। इस मौसमी बीमारी में बच्चों को अपने मन से एंटीबायोटिक दवाइयां नहीं देनी चाहिए। किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही दवाई देना चाहिए। बिना डाक्टर के परामर्श के दवा देना खतरनाक हो सकता है ,बच्चे को भर्ती करने की अभी आवश्यकता पड़ सकती है। वैसे भी इस मौसम में बीमारी लंबे समय तक रहती है। खफ वाली खांसी तो 20 से 25 दिन तक बनी रहती है।
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