50 फीसदी रहेगा मैन्युफैक्चरिंग झोन – 1200 एकड़ से अधिक जमीन है एमपीआईडीसी के पास, केन्द्र की मंजूरी के बाद अब अमल में जुटा महकमा
इंदौर। हजारों लोगों को रोजगार (Employment), खासकर महिलाओं (Women) को मेगा टैक्सटाइल पार्क (Mega Textile Park) में मिलेगा। वहीं इससे प्रदेश के औद्योगिकीकरण को भी एक नई गति प्राप्त होगी। अभी केन्द्र सरकार (Central Government) ने पीएम मित्र मेगा टैक्सटाइल पार्क को जो मंजूरी दी है उसमें धार जिले (Dhar District) में बनने वाला मेगा पार्क भी शामिल है, जिस पर अमल के लिए एमपीआईडीसी (MPIDC) ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। देश की कई बड़ी टैक्सटाइल और गारमेंट कम्पनियां (Garment Companies) इस पार्क में अपनी फैक्ट्रियां लगाएगी और हजारों करोड़ रुपए का निवेश होगा। 1200 एकड़ से अधिक जमीन पहले से ही एमपीआईडीसी ने इस मेगा पार्क के लिए हासिल कर रखी है, जिस पर अब इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। दूसरी तरफ लघु, सुक्ष्म और मध्यम उद्यमियों के लिए जिला उद्योग केन्द्र 100 एकड़ पर मल्टी प्रोडक्ट इंडस्ट्रीयल क्षेत्र भी विकसित करने जा रहा है।
अभी अग्निबाण ने केन्द्र सरकार द्वारा मंजूर मेगा टैक्सटाइल पार्क की जानकारी प्रकाशित की थी। दरअसल 7 राज्यों में ये पार्क तैयार होंगे और केन्द्र से मिलने वाली राशि से ही पार्क के इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा, जिसमें सडक़, बिजली, ड्रैनेज, पानी सहित अन्य तमाम औद्योगिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। धार जिले के बेंसोला गांव में लगभग 1200 एकड़ जमीन इस मेगा टैक्सटाइल पार्क के लिए एमपीआईडीसी ने पहले से ही चिन्हित कर रखी है और इसमें अधिकांश जमीनें चूंकि सरकारी है, लिहाजा अधिग्रहण की परेशानी भी नहीं रही। एमडी मनीष सिंह के मुताबिक अब चूंकि केन्द्र से मंजूरी मिल गई है। लिहाजा विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ इस मेगा टैक्सटाइल पार्क को विकसित किया जाएगा। इससे इंदौर और आसपास के साथ-साथ प्रदेश के औद्योगिक विकास को भी एक नई गति मिलेगी। देश की कई बड़ी कम्पनियां इस मेगा पार्क में निवेश करने को इच्छुक है। अबी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भी कई कम्पनियों के प्रस्ताव मिले भी हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि केन्द्र के कपड़ा मंत्रालय ने जो अभी ये 7 मेगा टैक्सटाइल पार्क देशभर में मंजूर किए हैं उनके लिए दो चरणों में 500 करोड़ रुपए की राशि पार्कों को विकसित करने के लिए दी जाएगी। अभी एमपीआईडीसी उज्जैन, रतलाम के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी टैक्सटाइल और गारमेंट पार्क तैयार कर रही है। मोहना में भी टैक्सटाइल पार्क विकसित किया गया, तो इंदौर के रेडीमेड कॉम्प्लेक्स में भी दो नए सर्वसुविधायुक्त कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री भी लगातार टैक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर पर फोकस करते रहे हैं, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में रोजगार मिलता है और महिलाएं भी सबसे अधिक इस सेक्टर में ही रोजगार पाती हैं। अभी शासन वैसे भी लाडली बहना जैसी योजनाओं के जरिए महिलाओं को लुभाने में जुटा है। दूसरी तरफ जिला उद्योग और व्यापार केन्द्र द्वारा लघु, सुक्ष्म और मध्यम उद्यमियों के लिए 100 एकड़ पर मल्टी प्रोडक्ट इंडस्ट्रीयल क्षेत्र भी विकसित कर रहा है, जिसमें अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाले छोटे उद्यमियों को भी भूखंड सहित अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
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