नई दिल्ली (New Delhi)। आयात होने वाले घटिया और स्तरहीन प्रोडक्ट (Substandard and substandard product) पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार (Modi government ) नए नियम बनाने की तैयारी (preparing make new rules) कर रही है। सरकार आने वाले महीनों में 250 से 300 ऐसे प्रोडक्ट (250 to 300 products) को ‘बीएसआई’ हॉलमार्किंग (‘BSI’ hallmarking) के दायरे में लाएगी, जिससे स्तरहीन प्रोडक्ट के आयात को नियंत्रित किया जा सके। ऐसे आयातित प्रोडक्ट से घरेलू विनिर्माण को भी नुकसान पहुंच रहा है।
खबरों के अनुसार, इनमें सिगरेट, लाइटर, पेन और घरेलू बिजली के सामान जैसे उत्पाद शामिल हैं, जो नए मानदंडों के अनुरूप होंगे। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) इसकी तैयारी में जुट गया है और अगले कुछ महीनों में गुणवत्ता नियंत्रण संबंधी विभिन्न निर्देश और मानकों को जारी किया जा सकता है।
क्या है उद्देश्य
डीपीआईआईटी सूत्रों के मुताबिक, गुणवत्ता नियंत्रण के लिए नए सिरे से विभिन्न मानक और निर्देश जारी करने के पीछे उद्देश्य सिर्फ स्तरहीन आयातित सामान की बिक्री पर रोक लगाना ही नहीं, बल्कि घरेलू स्तर पर भी इसे सुनिश्चित किया जाएगा। अधिसूचित होने के बाद, इन प्रोडक्ट के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा और गैर-प्रमाणित वस्तुओं के आयात की अनुमति नहीं होगी।
निर्देश नहीं मानने पर 5 लाख रुपये तक लग सकता है जुर्माना
सूत्रों के मुताबिक, गुणवत्ता नियंत्रण नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सजा और जुर्माने का भी प्रविधान किया जा सकता है। पहली बार पकड़े जाने पर दो लाख तो दूसरी बार में पांच लाख रुपए तक का जुर्माना वसूला जा सकता हैं। नियम के उल्लंघन में दो साल की जेल का भी प्रविधान किया जा सकता है।
खिलौनों के लिए बने नए मानक से फायदा
दो साल पहले यानी 25 फरवरी 2020 को खिलौनों की गुणवत्ता नियंत्रण को लेकर भी सरकार ने मानक तय किए थे और उसे सख्ती से लागू करने से घटिया खिलौनों के आयात पर रोक लग गई। इसका फायदा यह हुआ कि घरेलू स्तर पर अच्छी गुणवत्ता वाले खिलौने का निर्माण शुरू हो गया। साथ ही खिलौनों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश आयात को कम करने और देश में बने सामानों को बढ़ावा देने में काफी सफल साबित हुआ है।
घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा
प्रोडक्ट को लेकर बनाए जा रहे नए मानकों से निर्माण क्षेत्र में भारत की ब्रांडिंग होगी और दुनियाभर में यह संदेश जाएगा कि भारत में मिलने और बिकने वाली वस्तु अच्छे मानक की है। साथ ही इससे देश के घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और लोगों का भारतीय प्रोडक्ट पर भरोसा बढ़ेगा। भविष्य में इससे आयात कम होने और निर्यात बढ़ने की भी संभावना है।
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