नई दिल्ली (New Delhi) । संसद (Parliament) में बने गतिरोध के बीच कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) को पत्र लिखकर सदन में अपनी बात रखने के लिए वक्त मांगा है। उन्होंने नियम 357 के तहत अपनी बात रखने की इजाजत मांगी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने इस सिलसिले में गत 18 मार्च को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है।
इससे पहले राहुल ने 16 मार्च को लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर सदन में बोलने के लिए वक्त मांगा था। हालांकि, मुलाकात के बाद उन्होंने अंदेशा जताया था कि उन्हें सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी जाएगा। फिलहाल, कांग्रेस नेता के लंदन में की गईं टिप्पणियों को लेकर भारत में जमकर सियासत गर्माई हई है।
राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान को लेकर सत्तापक्ष हमलावर है। वह राहुल से माफी मांगने की मांग पर अडिग है। वहीं, विपक्ष अडानी मामले की जांच से लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाने की मांग कर रहा है। इसको लेकर हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही ठप है।
लंदन में दिए अपने बयान पर राहुल गांधी विदेश मंत्रालय की एक बैठक में सफाई दे चुके हैं। उनकी दलील थी कि लंदन में उन्होंने केवल देश में लोकतंत्र के हालात पर सवाल उठाए थे। साथ ही कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है और हम इसका हल निकालेंगे। दरअसल, इस बैठक में भाजपा सांसदों ने उनके बयान का मुद्दा उठाया था।
क्या है कार्य संचालन नियम 357
कोई संसद सदस्य अध्यक्ष की अनुमति से व्यक्तिगत स्पष्टीकरण दे सकता है। यद्यपि सदन के सामने कोई प्रश्न न हो। किंतु, उस अवस्था में कोई विवादास्पद विषय नहीं उठाया जाएगा और कोई वाद-विवाद नहीं होगा।
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