इस बार ज्यादा ही उड़ा राजनीति का रंग-गुलाल
फाग उत्सव तो बहाना था। किसी को अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करना था तो किसी को बताना था कि हममें कितनी ताकत है। मौसम चुनाव का है, इसलिए किसी ने भी कसर नहीं छोड़ी। इस बार होली और रंगपंचमी के राजनीतिक रंग-गुलाल कुछ ज्यादा ही उड़ते रहे। कल गोपी नेमा और कांग्रेस के अमन बजाज ने भी फाग उत्सव के बहाने लोगों को बुला लिया और बता दिया कि वे भी कहीं न कहीं दावेदारों में बने हुए हैं। युवा मोर्चा के सौगात मिश्रा हर साल आयोजन करते हैं, लेकिन इसमें इस बार राजनीतिक गुलाल ज्यादा था। गौरव रणदिवे ने भी एक नई शुरुआत कर दी और फाग उत्सव में आए लोगों पर खूब रंग-गुलाल उड़ाया। मालिनी गौड़ और गोलू शुक्ला की फाग यात्रा पक्की थी और हर साल वो रंग-गुलाल लगाते आए हैं। दादा दयालु फाग उत्सव नहीं करते, लेकिन धार्मिक आयोजनों से लोगों को जोड़े रखते हैं। तुलसी ने कथा खत्म की ही है तो संजय शुक्ला और विशाल पटेल भी लगातार धार्मिक आयोजन में लगे हैं। पटवारी ने रंग-गुलाल नहीं उड़ाया, क्योंकि वे पहले ही विधानसभा के रंग में भंग कर चुके थे। सुदर्शन, आकाश, मधु, जिराती, बाबा ऐसे आयोजनों से दूर रहते हैं, लेकिन देपालपुर से युवा मोर्चा के धीरज ठाकुर और 3 से आस धरे अखिलेश शाह ने भी फाग उत्सव के नाम पर अच्छा मजमा सजाया। इधर कल नानू ने भगवा यात्रा निकाल दी। उद्देश्य सबका एक ही था, ‘हम किसी से कम नहीं।’
भाजपाई का पठानी ब्याज
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के एक नगर पदाधिकारी की शिकायत लेकर एक महिला भाजपा कार्यालय पहुंच गई और कहा कि इनसे जरूरत के लिए रुपए उधार लिए थे, लेकिन उस पर इस तरह से पठानी ब्याज लगाया जा रहा है कि वह अब भर नहीं सकती। नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने उक्त पदाधिकारी को बुलाकर अपनी स्टाइल में समझा दिया कि ये भाजपा है, यहां ये सबकुछ चलने वाला नहीं। जो भी सही हो, वह कर लो, वरना मुझे एक्शन लेने में देर नहीं लगेगी।
थाने पहुंच गईं महिला नेत्रियां
भागीरथपुरा में रहने वाली दो महिला नेत्रियों के बीच तू-तू मैं-मैं से शुरू हुआ विवाद थाने तक पहुुंच गया और दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी। बड़ी मुश्किल से बड़े नेताओं ने बीच में कूदकर मामले को ठंडा किया, लेकिन कहा जा रहा है कि अभी भी दोनों के बीच कहीं न कहीं चिंगारी सुलग रही है, जो किसी भी दिन बड़ी आग यानि विवाद का रूप ले सकती है।
भाई को समाज का चुनाव नहीं जितवा पाए नेताजी
भाजपा की राजनीति के अहम किरदार और उसके संवाद केन्द्र की जवाबदारी संभालने वाले एक नेताजी के भाई समाज के चुनाव में खड़े हुए थे। नेताजी ने भाई को जिताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया और खूब फोन घनघनाए, वहीं नेताजी के समधी, जो जनप्रतिनिधि भी हैं, ने भी पूरी कोशिश की, लेकिन कल जब परिणाम आए तो नेताजी के भाई हार गए। इसको लेकर अब राजनीति के साथ-साथ समाज में ही नेताजी के कद को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। कोई कह रहा है, अब नेताजी में वो बात नहीं रही, लेकिन नेताजी कह रहे हैं कि समाज में तो सब चलता रहता है और राजनीति अलग चीज है और सामाजिक क्षेत्र अलग।
रीना की राह में रोड़े
सांवेर में रीना बोरासी की राह अब आसान नहीं दिख रही है। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का माहौल बनता जा रहा है, वैसे-वैसे दावेदार बाहर निकलने लगे हैं। हालांकि रीना अपने पिता की राजनीतिक विरासत के सहारे दावेदारी कर रही हैं, लेकिन सिलावट का जो राजनीतिक घेरा सांवेर में बन चुका है, अब उसे भेद पाना भी मुश्किल नजर आ रहा है, क्योंकि सिलावट के साथ भाजपा तो हैं ही, वहीं पुराने कांग्रेसी भी उनके साथ पर्दे के पीछे खड़े हुए हैं।
नहीं जानते भाजपा नेता को
भाजपा के एक जिला उपाध्यक्ष की दुकान पर नगर निगम वाले कचरा देखकर स्पॉट फाइन करने पहुंच गए। नेताजी भाजपा कार्यालय में थे। उन्होंने कहा कि मैं जिला उपाध्यक्ष हूं और पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहा हूं, लेकिन दरोगा ने कहा कि वे किसी को नहीं जानते। उसने 5 हजार का चालान बनाने का दबाव बनाया। नेताजी ने कहा कि बाई रोज आती है और सफाई करके गाड़ी में कचरा डालती है, लेकिन दरोगा तो दरोगा ही ठहरे। बाद में बात 250 रुपए के चालान पर आई, लेकिन नेताजी भी अड़ गए और कहा कि बात अब मान-सम्मान की है और बेचारे दरोगा को मुंह नीचा करके वहां से जाना ही पड़ा।
भगवा की ओट से पांच नंबर की कुर्सी पर नजर
शुरू से भगवा झंडा थामे पांच नंबर में सक्रिय भाजपा के पदाधिकारी नानूराम कुमावत भगवा के बहाने पांच नंबर पर नजर गढ़ाए बैठे हैं। इसके पहले वे भगवा यात्रा निकालकर रिकार्ड बना चुके हैं तो अपने क्षेत्र के लोगों को अयोध्या भी लेकर जा चुके हैं। अब कल उन्होंने दो और चार पहिया वाहनों की यात्रा निकालकर बता दिया कि क्षेत्र के कितने लोग उनके साथ है। वे सार्वजनिक तौर पर दावेदारी नहीं कर रहे हैं, लेकिन इस बार मत चूको चौहान….की तर्ज पर वे मौका नहीं छोडऩा चाहते हैं। हालांकि इसी विधानसभा से विधायक महेन्द्र हार्डिया को भी वे आगे रख रहे हैं। कल भी हार्डिया नानूराम के मंच पर थे। नानू के साथ पांच नंबर में विधायक से नाराज लोग दिखने लगे हैं और इसका असर यहां की राजनीति में नजर आने लगा है।
कैलाश विजयवर्गीय राजनीतिक या अन्य कोई सीख देने का मौका नहीं छोड़ते हैं। पिछले दिनों हुई बैठक में उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि कई पार्षदों के कारण भाजपा की बदनामी हो रही है। ये पार्षद आम लोगों के खून-पसीने की कमाई से बनने वाले मकान और निर्माण को लेकर वसूली करने अपने गुर्गों को भेज देते हैं, जिससे बदनामी होती है। उन्होंने चेतावनी भी दे डाली कि ऐसे पार्षद अपनी आदत से बाज आएं। इसके बाद वहां बैठे कुछ पार्षद बगलें झांकते देखे गए। -संजीव मालवीय
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