भोपाल। केंद्रीय जेल उज्जैन की घोटालेबाज अधीक्षक ऊषाराज को 15 करोड़ के गबन के आरोप में बचाने की कोशिश हो रही है। जेल मुख्यालय ने उज्जैन कलेक्टर के पत्र एवं जेल डीआईजी की जांच रिपोर्ट के बाद 15 करोड़ के गबन के आरोप में ऊषाराज को सिर्फ मुख्यालय अटैच किया है। जबकि विभाग में उनके खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव था। उच्च दखल के बाद ऊषाराज को निलंबित न करते हुए अटैच किया है। हालांकि जेल मंत्रालय अगले हफ्ते निलंबित कर सकता है।
जेल अधीक्षक ऊषाराज का 15 करोड़ का गबन सामने आने के बाद उज्जैन केंद्रीय जेल में घोटाले की परतें उखडऩे लगी है। मामले की जांच कर ही टीम को बंदी मुलाकात शेड, कैंटीन, दवा, स्टेशनरी एवं अन्य खरीदी में भी फर्जी बिलों के आधार पर भुगतान होने का सुराग मिला है। फिलहाल जेल मुख्यालय ने विधानसभा सत्र चलने की वजह से आनन-फानन में ऊषाराज को उज्जैन जेल से हटाकर मुख्यालय में अटैच कर दिया है। जेल मुख्यालय के इस फैसले पर सवाल भी उठ रहे हैं। जिसमें ऊषाराज को बचाने में मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव स्तर के एक अफसर एवं मंत्रालय की भूमिका बताई जा रही है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि जेल विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई के सोमवार को अवकाश से लौटते ही ऊषाराजे को निलंबित किया जा सकता है। प्रमुख सचिव जेल का प्रभार संजीव सिंह के पास है।
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