नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पिता पर अमर्यादित टिप्पणी मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 20 मार्च तक के लिए टली. खेड़ा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी के मौजूद न रहने के चलते सुनवाई टली है.
फिलहाल कोर्ट ने उन्हें अंतरिम ज़मानत दे रखी है. सुप्रीम कोर्ट को असम और यूपी में दर्ज कुल 3 एफआईआर को एक जगह ट्रांसफर करने पर विचार करना है. असम और यूपी सरकार ने खेड़ा की जमानत रद्द कर पूछताछ की अनुमति दिए जाने की मांग की है.
कब गिरफ्तार हुए थे?
असम पुलिस ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को दिल्ली से रायपुर जाते समय गुरुवार (23 फरवरी) को फ्लाइट से उतारकर गिरफ्तार कर लिया था. इसके खिलाफ कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी. यहां से खेड़ा को राहत देते हुए कोर्ट ने निचली अदालत को अंतरिम जमानत देने का निर्देश दिया. इसके बाद दिल्ली के द्वारका कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी.
क्या मामला है?
पवन खेड़ा 20 फरवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए अडानी ग्रुप के मामले पर बोल रहे थे. वो इस दौरान बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साध रहे थे. उन्होंने इस दौरान कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतम दास मोदी को क्या समस्या है?
इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा था कि गौतम दास या दामोदर दास. फिर, उन्होंने कहा कि नाम भले ही दामोदर दास है. उनका काम गौतम दास का है. हालांकि उन्होंने बाद में सफाई देते ये भी कहा था कि प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था. पीएम मोदी के पिता दामोदरदास है इसको लेकर असम और यूपी सहित कई जगहों पर खेड़ा के खिलाफ एफआई दर्ज है.
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