भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि सरकार के पास ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. विधानसभा में यह जवाब वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (MP Finance Minister Jagdish Deora) ने यह जवाब कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह (Congress MLA Sajjan Singh) के सवाल पर दी. कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर सवाल पूछा था. वित्तमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.
पुरानी पेंशन की लड़ाई और कांग्रेस
मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम एक बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है. कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर चुनाव के बाद प्रदेश में उसकी सरकार बनती है तो पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाएगा. कांग्रेस इसे राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बना रही है. हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस को मिली जीते के पीछे एक बड़ा कारण पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का वादा करना भी है. सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने इसे वहां लागू भी किया है. कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में यह योजना पहले से ही लागू है. इसके अलावा झारखंड और पंजाब ने भी इस योजना को लागू किया है. झारखंड सरकार में कांग्रेस भी हिस्सेदार है.
कांग्रेस के दिग्गज नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीते दिनों ऐलान किया था कि चुनाव में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन को लागू किया जाएगा. मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में राज्य सरकार के पास विचाराधीन नहीं है.सरकार ने यह जवाब कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह के सवाल पर दिया है. उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान ओपीएस को लेकर सवाल पूछा था. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस के सदस्य सदन से बाहर चले गए.
प्रदेश के लाखों लाख कर्मचारियों पर कुठाराघात किया है भाजपा सरकार ने!!#Oldpensionscheme #OPS pic.twitter.com/KDBjzWjcl1
— Sajjan Singh Verma (@sajjanvermaINC) March 15, 2023
वित्त मंत्री ने क्या जवाब दिया
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सदन में कहा,”पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल करने के संबंध में कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है.”इस पर नेता विपक्ष गोविंद सिंह ने कहा,”प्रदेश के सात लाख कर्मचारियों की मांग पुरानी पेंशन लागू करने की है. वर्तमान सरकार कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने वाली है.उनका संरक्षण नहीं करती है.”
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