नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने भारतीय रेलवे डिजाइन के अनुसार और भारतीय रेलवे उत्पादन इकाइयों के भीतर 102 वंदे भारत रेक (2022-2023 में 35 और 2023-2024 में 67) की उत्पादन योजना जारी की है। पीएच 21-रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम के तहत कोचों की अन्य मदों सहित वंदे भारत ट्रेनों का प्रावधान आता है, जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2022-2023 के संशोधित अनुमान में 19479 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस 15 फरवरी 2019 से नई दिल्ली और वाराणसी के बीच शुरू की गई थी। वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस के 10 जोड़े भारतीय रेलवे नेटवर्क में चल रही हैं। भारतीय रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण की योजना बनाई है, जिसका चयन करने के लिए निविदाएं मंगाई गई हैं। इसके अलावा बजट 2023-24 के तहत 8000 वंदे भारत कोच भी प्रस्तावित किए गए हैं।
रेल कार्गो के लिए लागू की गई थी नई नीति
रेल कार्गो को संभालने के लिए अतिरिक्त टर्मिनलों के विकास में उद्योग से निवेश को बढ़ावा देने के लिए 15 दिसंबर 2021 को एक नई गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल (जीसीटी) नीति शुरू की गई थी। इन टर्मिनलों का निर्माण गैर-रेलवे भूमि के साथ-साथ आंशिक या पूर्ण रूप से रेलवे भूमि पर किया जाएगा। तीन वित्तीय वर्षों – 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में 100 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल चालू करने का लक्ष्य है, जिनमें से 30 जीसीटी पहले ही चालू किए जा चुके हैं। अभी तक जीसीटी नीति के तहत कार्गो टर्मिनलों के विकास के लिए 145 आवेदन प्राप्त हुए हैं और 103 सैद्धांतिक अनुमोदन जारी किए गए हैं।
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