इन्दौर (Indore)। कल बुरहानपुर (Burhanpur) में हुई अखिल भारतीय महापौर परिषद (All India Council of Mayors) के सम्मेलन में महापौर और पार्षदों की तनख्वाह बढ़ाने की मांग भी उठी। देशभर से आए प्रमुख शहरों के महापौरों ने कमिश्नर से नीचे की कैटेगरी के अफसरों की सीआर लिखने का अधिकार देने की मांग का प्रस्ताव भी सम्मेलन में रखा। इंदौर के स्वच्छता मॉडल और सूरत स्मार्ट सिटी के कार्यों को भी सराहा गया।
अखिल भारतीय महापौर परिषद की सालभर में तीन बैठकें और एक सम्मेलन होता है। इसमें अध्यक्ष का चुनाव भी होता है। इस बार बुरहानपुर की महापौर माधुरी पटेल को अध्यक्ष चुना गया है। परिषद का यह 54वां सम्मेलन था। सम्मेलन में इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित प्रदेश के 14 महापौर भी शामिल होने पहुंचे। सम्मेलन में इंदौर के स्वच्छता मॉडल को लेकर देशभर के महापौर ने तारीफ की और कहा कि लगातार छह बार इंदौर नंबर वन आया है, जो अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है। इसके साथ ही सूरत स्मार्ट सिटी के बारे में भी चर्चा हुई।
भार्गव ने सम्मेलन में कहा कि क्यों न पूरे देश के नगरीय निकाय का एक जैसा सिस्टम हो। हर जगह महापौर सीधे चुने जाएं। उन्हें और अधिक अधिकार मिले, जिससे वे उस शहर के विकास के बारे में निर्णय ले सकें। रायपुर के महापौर ने रायपुर में डॉग की समस्या से निपटने के लिए डॉग सेंटर खोलने की बात कही और उसके बारे में जानकारी दी। इसे भी दूसरे शहरों के महापौर ने सराहा और कहा कि डॉग के मामले में इस तरह की पहल करना जरूरी है। इसके साथ ही सभी महापौर ने एकमत से यह प्रस्ताव रखा कि पार्षद और महापौर की तनख्वाह और भत्ते भी बढऩा चाहिए। वहीं अधिकारियों की सीआर लिखने के अधिकार भी महापौर के हाथ में दिए जाने का प्रस्ताव परिषद के सम्मेलन में रखा गया।
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