भोपाल। विधानसभा चुनाव-2023 के लिए प्रत्याशी चयन की कवायद भाजपा और कांग्रेस में जारी है। युवा और नए प्रत्याशियों पर दोनों दलों की नजर है। कांग्रेस ने इसका सामान्य फार्मूला भी तय कर लिया है। वह युवा कांग्रेस की ओर से प्रस्तावित नामों में से प्रत्याशी चयन का महत्वपूर्ण आधार बूथ जोड़ो-यूथ जोड़ो में सक्रियता को बनाएगी। जबकि भाजपा युवाओं पर पहले से ही डोरे डाल रही है। पार्टी के मंडल, जिला, प्रदेश और केंद्रीय संगठन में युवाओं को अधिक पद दिए गए हैं। आगामी चुनाव में भी कार्यकर्ताओं की भावना और जनता की अपेक्षा के आधार पर प्रत्याशी चयन किया जाएगा।
इसकी बड़ी और तार्किक वजह यह भी है कि प्रदेश के कुल करीब पांच करोड़ 38 लाख में से आधे करीब दो करोड़ 82 लाख मतदाता 18 से 39 वर्ष आयु समूह के हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए भाजपा और कांग्रेस के नेता चुनावी तैयारी में जुटे हैं। कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनाव में जिस तरह नए चेहरों को आगे किया था, उसी तरह विधानसभा चुनाव में भी युवाओं पर दांव लगाने की तैयारी है। प्रत्याशी चयन के लिए युवा कांग्रेस द्वारा भी संगठन को नाम प्रस्तावित किए जाएंगे। संगठन भी उन्हीं दावेदारों का नाम प्रदेश कांग्रेस को प्रत्याशी के दावेदार के रूप में आगे बढ़ाएगा जो अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर युवाओं को जोड़ेंगे। यदि उनका नाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ द्वारा कराए जाने वाले सर्वे में भी आता है तो फिर इनके नाम पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
प्रदेश युवा कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी का कहना है कि हमारा पूरा ध्यान बूथ जोड़ो-यूथ जोड़ो पर है। जो भी चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं, उन्हें इस अभियान में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। यह दावेदार के तौर पर उनका नाम आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण आधार होगा। उधर, भाजपा भी युवाओं को हर स्तर पर आगे कर रही है। युवा मोर्चा भी मैदानी स्तर पर कई गतिविधियां संचालित कर रहा है। बूथ सशक्तीकरण अभियान में भी युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रखी गई है। भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि प्रत्याशी चयन के लिए कार्यकर्ताओं की भावना, जनता की अपेक्षा और जीत की संभावना सबसे महत्वपूर्ण है। प्रत्याशी चयन इसी आधार पर प्रदेश और केंद्रीय चुनाव समिति नामों पर विचार करके करती हैं।
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