एक बार फिर चौपट यातायात के लिए सिटी मोबिलिटी प्लान का हल्ला – ओवरब्रिजों का जाल बिछाने के साथ रोड नेटवर्क बढ़ाने का किया दावा
इंदौर। एक तरफ मेट्रो प्रोजेक्ट (metro project) का काम चल रहा है, दूसरी तरफ शास्त्री ब्रिज (Shastri Bridge) को नया बनाने, चौड़ा करने की कवायद के साथ ही भविष्य के यातायात को व्यवस्थित करने के लिए मोबिलिटी प्लान का एक बार फिर हल्ला मचा है। हालांकि सालों से इस तरह के प्लान बन रहे हैं। अब आने वाले 20 सालों में बढऩे वाली आबादी के मद्देनजर विस्तृत सर्वे कराया जा रहा है, जिसमें 107 फ्लायओवरों की जरूरत बताई गई, तो रोड नेटवर्क भी बढ़ेगा। वहीं शास्त्री ब्रिज के पास बनने वाले नए रेलवे स्टेशन के अवरोधों को दूर करने के संबंध में भी चर्चा की गई। वहीं स्काय वॉक के जरिए भी मेट्रो को जोड़ा जाएगा, ताकि यात्रियों को आने-जाने में परेशानी न हो। इंदौर, महू, पीथमपुर से लेकर उज्जैन तक मेट्रो विस्तार की जरूरत भी जनप्रतिनिधियों और अफसरों की बैठक में बताई गई। दूसरी तरफ मध्य क्षेत्र में मेट्रो लाइन को लेकर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।
अभी जहां रेलवे स्टेशन का विस्तृत प्लान बन रहा है, तो रीगल के पास मेट्रो स्टेशन भी रहेगा, तो यात्रियों के लिए स्काय वॉक बनाने की भी चर्चा की गई। कल सांसद शंकर लालवानी, महापौर, विधायक, भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी व रेलवे के अधिकारियों के बीच इन तमाम मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। रेलवे ने भी अपना प्रजेंटेशन दिया, जिसमें शास्त्री ब्रिज को किस तरह से चौड़ा किया जाएगा। वहीं नए स्टेशन के प्रोजेक्ट का प्रजेंशन भी दिया गया। इसी तरह कोपरहेंसिव मोबिलिटी प्लान पर भी चर्चा की गई, जिसमें दावा किया गया कि आने वाले 20 सालों की जरूरत के मान से यातायात सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जाए। 45 लाख से अधिक की आबादी तो अभी हो चुकी है, वहीं आने वाले 20 सालों में यह आबादी 70-80 लाख तक पहुंच जाएगी, जिसके चलते नागरिकों को किस तरह की सुविधाएं दी जा सकती है उसकी प्लानिंग की जाए। नए शहर ब्रिज के निर्माण के चलते भी ट्रैफिक डायवर्शन प्लान बनाना पड़ेगा, क्योंकि नए और पुराने इंदौर को जोडऩे वाला शास्त्री ब्रिज अत्यंत महत्वपूर्ण है और भारी यातायात दिनभर इस पर से गुजरता है। बैठक में मेट्रो प्रोजेक्ट के विस्तार की जरूरत भी बताई गई। अभी लगभग साढ़े 32 किलोमीटर का मेट्रो प्रोजेक्ट अमल में लाया जा रहा है, जिसे महू, पीथमपुर, उज्जैन तक बढ़ाने की जरूरत बताई गई। हालांकि इसमें देवास, महू को भी लिए जाने की बात पूर्व में जनप्रतिनिधि कर चुके हैं। वर्तमान में जो रोड नेटवर्क है उसे भी दो गुने से अधिक करना पड़ेगा, तो दूसरी तरफ सभी प्रमुख चौराहों, सडक़ों पर फ्लायओवरों का जाल बिछाना पड़ेगा। लगभग 107 फ्लायओवरों की जरूरत आने वाले वर्षों के हिसाब से बताई गई है। हालांकि अभी सडक़ विकास निगम, नेशनल हाईवे अथॉरिटी, इंदौर विकास प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग द्वारा इंदौर में कई नए फ्लायओवरों के निर्माण की तैयारी की जा रही है। प्राधिकरण भी लगभग 11 फ्लायओवर बनाना चाहता है।
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