शिवपुरी (Shivpuri)। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) के 78वें जन्मदिन (Birthday) पर बड़ी सौगात मिल रही है. शिवपुरी जिले (Shivpuri district) के माधव नेशनल पार्क (Madhav National Park) में टाइगर की दहाड़ सुनाई देगी. माधवराव सिंधिया का शुमार कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में हुआ करता था. पन्ना, बांधवगढ़ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लाकर टाइगर को बसाया जाएगा।
माधव नेशनल पार्क में गूंजेगी टाइगर की दहाड़
दो मादा बाघ को बांधवगढ़, पन्ना टाइगर रिजर्व और नर बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू कर लाया जा रहा है. 10 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाघों को माधव नेशनल पार्क में छोड़ेंगे. भविष्य में भी प्रदेश के अलग-अलग नेशनल पार्कों से पांच बाघों को बसाने की योजना है. पहली खेप में फिलहाल तीन बाघ लाए जा रहे हैं. करीब 15 दिनों तक सुरक्षित बाड़े में रखने के बाद बाघों को खुले माहौल में छोड़ दिया जाएगा।
बेटे का माधवराव सिंधिया के लिए भावुक पोस्ट
पिता को याद करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘शिवपुरी और मध्य प्रदेश के लिए कल का दिन ऐतिहासिक है. मैं समस्त प्रदेशवासियों को सहभागी बनने का आग्रह करता हूं. माधव नेशनल पार्क में बाघों का पुनर्स्थापन, मेरे पिता श्रीमंत माधवराव सिंधिया जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उनके सपनों को साकार करने के साक्षी बनें।’
भारतीय राजनीति के ‘करिश्माई’ नेता माधवराव सिंधिया का जन्म 10 मार्च 1945 को मुंबई में हुआ था. माधवराव सिंधिया ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया और जीवाजी राव सिंधिया के बेटे थे. साल 2001 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनका निधन हो गया. कहते हैं कि राजमाता विजया राजे सिंधिया के कारण माधवराव जनसंघ में गए थे. 1971 में विजयाराजे सिंधिया के बेटे माधवराव सिंधिया ने पहला चुनाव जनसंघ से लड़ा था।
माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस के डीके जाधव को एक लाख 41 हजार 90 वोटों से हराया. बाद में मां विजया राजे सिंधिया से मतभेद के कारण माधवराव सिंधिया कांग्रेस से जुड़ गए. माधवराव सिंधिया ने 1984 के आम चुनाव में बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था. 1984 के बाद 1998 तक सभी चुनाव माधवराव सिंधिया ग्वालियर से ही लड़े और जीते. 1996 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाई और भारी बहुमत से लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल की. माधवराव सिंधिया अपने समय के लोकप्रिय केंद्रीय मंत्री थे. रेल मंत्री रहते हुए ही माधवराव ने सबसे पहले बुलेट ट्रेन का कंसेप्ट पेश किया था।
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