नई दिल्ली (New Delhi)। बाजार में अपनी दमदार बाइक्स उतारने वाली कंपनी यामाहा (Yamaha) ने कैसे लोगों के दिलों पर राज किया इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है।यामाहा (Yamaha)बाइक्स दुनिया भर के रेसिंग टूर्नामेंट्स में तो मशहूर हैं ही, एशियन मार्केट (Asian market) के स्पोर्ट्स बाइक लवर्स और डेली कम्यूटर्स के लिए भी यामाहा बाइक्स एक दमदार पैकेज हैं, लेकिन ये बाइक कंपनी 19वी सदी से ही पियानो और उससे जुड़े म्यूजिक इन्स्ट्रूमेंट्स बनाती थी, फिर ऐसा क्या हुआ कि यामाहा ऑटोमोबाइल मार्केट में ऐसी घुसी कि वर्ल्ड की टॉप कंपनीज में से एक हो गई। इसे समझने के लिए आइए जानते हैं यामाहा कंपनी की कहानी।
जानकारी के लिए बता दें कि 1851 में टोराकुसु यामाहा (Yamaha)का जन्म हुआ था। हालांकि बचपन में उन्हें वाचमैकिंग का काम सीखने को मिला था। उन्होंने ये काम लंबे समय तक किया भी, पर फिर 1890 में उन्होंने निपोन गिक्की कंपनी के साथ गठजोड़ कर लिया और पियानो या उससे जुड़े म्यूजिक इन्स्ट्रूमेंट्स बनाने लगे। लेकिन 1916 में उनकी डेथ हो गई।
फिर कंपनी संभाली गेनीची कवाकामी ने
1916 से लेकर 1950 तक यामाहा कंपनी के कई प्रेसिडेंट रहे। लेकिन 1950 में गेनीची कावाकामी कुछ अलग सोच के साथ कंपनी में आए और 1953 में, विश्व युद्ध 2 के करीब 8 साल बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनके देश को इस मुश्किल समय में पियानो से कहीं ज्यादा अच्छी तेज ऑटोमोबाइल की जरूरत है। आप जानते ही होंगे कि अमेरिका द्वारा जापान के नागासाकी और हिरोशिमा शहरों पर परमाणु बम गिराए गए थे जिसके रेडीएशन का असर अगले कई साल तक रहा था।
वहीं युद्ध विराम के बाद जापान के अंदर जो बाइक्स चलती थीं वो यूएस कंपनी हार्ले डेविडसन की हमर थी। इसी से प्रेरणा लेते हुए गेनीची कावाकामी ने यामाहा मोटर कंपनी का निर्माण किया और ऑटोमोबाइल सेक्टर में अपने कदम रखे।
इसके बाद यामाहा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बल्कि 1957 में YA-2 लॉन्च की जो 2 स्ट्रोक सिंगल सिलिन्डर में 250सीसी की बाइक थी। ये बाइक रेस में भी उतारी गई और इसकी हर तरफ तारीफ भी हुई। हालांकि ये बाइक भी पहली नजर में जर्मन बाइक एडलर से मिलती जुलती थी।
1964 में बन गए वर्ल्ड चैंपियन
1958 में यामाहा YA-1 बाइक अमेरिका में भी बिकने लगी। लोगों को यामाहा की ये बाइक बहुत पसंद आई। 1960 में यामाहा इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन ने आधिकारिक रूप से अमेरिका में बाइक्स बेचनी शुरु कर दी और 1964 वो साल था जब फिल रीड नामक बाइकर ने पहली बार यामाहा को वर्ल्ड चैंपियन बनाया।
इसके बाद यामाहा कंपनी एशिया, यूरोप और साउथ अमेरिका की मार्केट में भी प्रचलित हो गई और दुनिया की टॉप मोस्ट टू व्हीलर ऑटोमोबाइल कंपनी बन गई।
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