नई दिल्ली: विभिन्न वाहन निर्माता कंपनियां, जिसमें टेस्ला, फोर्ड, जीप, टोयोटा जैसी कंपनियां शामिल हैं, ने हजारों की संख्या में कारों और अन्य वाहनों को रिकॉल किया है. यूएसए टुडे ने यूएस नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) के आंकड़ों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है कि इन कंपनियों ने करीब 10 लाख से अधिक वाहनों को वापास बुलाया है. नेशनल हाईवे एंड ट्रांसपोर्ट सेफ्टी अथॉरिटी की वेबसाइट के आंकड़ों को जांच में भी इसे सही पाया गया है.
फोर्ड मोटर : NHTSA की एक रिपोर्ट के अनुसार, फोर्ड मोटर ने अपने पिछले रिकॉल में कारों के एयरबैग इन्फ्लेटर रिप्लेसमेंट के लिए उन्हें वापस बुलाया था. इस रिकॉल में 98,550 फोर्ड रेंजर मॉडल को प्रभावित पाया गया था, इन कारों का निर्माण 2004-2006 के बीच किया गया था.
टेस्ला : NHTSA की रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला ने अपने मॉडल Y के 3,470 यूनिट्स को रिकॉल किया था, जिसे कंपनी ने 2022 से 2023 में बनाया था. इस रिकॉल का कारण सेकंड रो के ढीले बोल्ट को बताया जा रहा है, जिसके कारण यात्रियों को चोट पहुंच सकती है. इस समस्या को कंपनी फ्री में ठीक करेगी.
डॉज डुरंगो : एनएचटीएसए की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉज ने अपने कुछ चुनिंदा डुरंगो एसयूवी को वापस बुलाया है. इस रिकॉल का कारण रहा है स्पॉइलर में दिक्कत होना है, जो कि पिछले डोर को खोलते समय उससे टकराते हैं. इस समस्या से कुल 139,019 वाहन प्रभावित हैं. कंपनी इसे मुफ्त में ठीक करेगी.
निसान : निसान मोटर्स ने 2014-2020 के बीच बने 517,472 निसान रफ एसयूवी और 2014-2020 के बीच बने 194,986 रफ स्पोर्ट्स एसयूवी को रिकॉल किया, जिसमें इग्निशन में चाबी लगाने पर यह अनफोल्ड स्थिती में ही रहती है, जिससे एक्सीडेंट हो सकता है.
जीप : NHTSA की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीप 69,201 मैनुअल ट्रांसमिशन रैंगलर और ग्लेडिएटर वाहनों को वापस बुला रही है क्योंकि इनमें क्लच ज़्यादा गरम होने और प्रेशर प्लेट के फ्रैक्चर होने की समस्या हो सकती है. इसमें 2018-2023 के बीच बने 55,082 जीप रैंगलर और 2020-2023 के बीच बने 14,119 जीप ग्लैडिएटर शामिल हैं.
टोयोटा किर्लोस्कर : टोयोटा ने 2022-2023 के बीच बने टोयोटा टुंड्रा और 2022-2023 के बीच टोयोटा टुंड्रा हाइब्रिड के 8,989 यूनिट्स को वापस बुलाया है. इसमें एलसीडी डिस्पले ब्लैंक होने की समस्या मिली है.
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