नई दिल्ली: भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने मिसाइल के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है. नेवी ने मीडियम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल MRSAM यानी मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है. इस दमदार मिसाइल का परीक्षण INS विशाखापत्तनम से किया गया है. यह एक एंटी शिप मिसाइल है जो दुश्मनों के जहाज को मिनटों में तबाह कर देगी. परीक्षण के दौरान MRSAM ने टारगेट पर एकदम सटीक निशाना लगाया.
MRSAM मिसाइल पूरी तरह से भारत में निर्मित है. इसके निर्माण के साथ ही देश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया है. इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री (IAI) ने मिलकर BDL हैदराबाद में विकसित किया है. परीक्षण के विवरण को साझा करते हुए भारतीय नौसेना ने कहा, ‘MRSAM को DRDO और IAI द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है, और BDL में उत्पादित भारतीय नौसेना की आत्मनिर्भर भारत के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.’
#IndianNavy successfully undertook MRSAM firing from #INSVisakhapatnam validating capability to engage Anti Ship Missiles.
MRSAM jointly developed by @DRDO_India & #IAI, & produced at #BDL reflects #IndianNavy‘s commitment to #AatmaNirbharBharat.@DefenceMinIndia @PMOIndia pic.twitter.com/I8LwCV2WWH— SpokespersonNavy (@indiannavy) March 7, 2023
MRSAM को सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. इस मिसाइल की खासियत की बात करें तो यह हवा में एक साथ आने वाले कई टारगेट या दुश्मनों पर 360 डिग्री घूम कर एक साथ हमला कर सकती है. मिसाइल 100 किलोमीटर के दायरे में आने वाली किसी भी मिसाइल, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, निगरानी विमानों और हवाई दुश्मनों को मार गिराने में माहिर है. दुश्मन की सही जानकारी के लिए इसमें कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, रडार सिस्टम, मोबाइल लांचर सिस्टम, एडवांस्ड लांग रेंज रडार, रीलोडर व्हीकल और फील्ड सर्विस व्हीकल आदि शामिल किया गया है.
यह मिसाइल इजरायल की खतरनाक मिसाइल बराक-8 पर आधारित है. इसका वजन लगभग 275 किलोग्राम है. यह मिसाइल लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है. एक बार लॉन्च होने के बाद MRSAM आसमान में सीधे 16 KM तक टारगेट को गिरा सकती है. अगर रेंज की बात करें तो यह आधा किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक है. इसकी रफ्तार 680 मीटर प्रति सेकेंड यानी 2448 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसकी रफ्तार ही इसे खतरनाक बनाती है.
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