उज्जैन। जिले में तमाम कोशिशों के बावजूद एड्स के मरीजों की संख्या कम नहीं हो पा रही है। वर्तमान में एड्स कंट्रोल शाखा के पास जिले के 3600 से ज्यादा मरीज रजिस्टर्ड हैं हालांकि इनमें से आधे भी अभी इलाज के लिए नहीं आ रहे हैं। एड्स एक गंभीर बीमारी है लेकिन यह लंबे इलाज से ठीक हो सकती है इसी के लिए हर जिला अस्पताल में एड्स नियंत्रण यूनिट बनाई जाती है। उज्जैन जिले में भी एड्स नियंत्रण यूनिट करीब 14 साल पहले बनाई गई थी। बीते 14 सालों में इस यूनिट में करीब 3600 मरीज रजिस्टर्ड हुए हैं जो एड्स पॉजीटिव पाए गए थे। इनमें से वर्तमान में 2000 से अधिक मरीज ऐसे हैं जो इलाज के लिए एड्स नियंत्रण यूनिट आ रहे हैं और दवाइयां तथा इलाज ले रहे हैं तथा जीवित अवस्था में है। इसके अलावा जो मरीज बचे हैं इनमें से कई की मृत्यु हो चुकी है या वह यहां से कहीं बाहर इलाज कराने जा चुके हैं। इनका स्पष्ट आंकड़ा कहीं भी नहीं है क्योंकि इस बीमारी में व्यक्ति की पहचान को छुपाया जाता है। इस संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि यह बीमारी सिर्फ अनैतिक संबंधों से ही नहीं होती बल्कि कई बार संक्रमित सुई संक्रमित मरीज के रक्त या व्यक्ति के संपर्क में आने से भी सामान्य व्यक्ति भी इसका शिकार हो जाता है। लगातार एड्स का आंकड़ा इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि लोग इस मामले में लापरवाही कर रहे हैं।
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