उज्जैन। कोरोना के कारण दो साल से रंगों का त्यौहार खुलकर लोग नहीं मना पाए थे लेकिन इस बार रंगों के इस त्यौहार की तैयारी पूरी हो गई है। कल शाम शहर में होलिका का जगह-जगह पूजन होगा। देर रात से दहन के कार्यक्रम शुरु हो जाएँगे। 7 मार्च की रात होलिका दहन होगा। इससे पहले शाम को महाकाल के आंगन में पूजन के बाद होलिका दहन किया जाएगा और इसके साथ ही पूरे शहर में 400 से ज्यादा स्थानों पर देर रात तक होलिका दहन के कार्यक्रम चलेंगे। अगले दिन 18 मार्च को सुबह भगवान महाकाल की भस्मारती में रंग गुलाल उड़ेगा और होली मनाई जाएगी। इसी के साथ शहर में भी दिनभर लोग रंग गुलाल खेलेंगे। होली के अवसर पर घरों में पकवान बनाए जाएँगे।
कई सामाजिक संगठन तथा लोग इस दिन गमी वाले घरों पर रंग डालने भी जाएँगे। कोरोना के चलते अन्य त्यौहारों की तरह पिछले दो साल से होली का त्यौहार भी फीका रहा था लेकिन इस बार कोरेाना का कोई प्रतिबंध नहीं है। इसे देखते हुए शहर के रंग गुलाल तथा पिचकारी कारोबार से जुड़े व्यवसायियों का कहना है कि इस बार उनका धंधा अच्छा चलेगा। महंगा होने के बावजूद होली पर उज्जैन में करीब 40 लाख का रंग और गुलाल का कारोबार होगा। जबकि पिचकारी कारोबारियों को उम्मीद है कि पर्व पर उनका 30 से 35 लाख तक का व्यवसाय होगा। कुल मिलाकर होली पर रंग गुलाल तथा पिचकारी व्यवसायियों को 50 लाख का कारोबार होने की उम्मीद है। शहर में अभी से प्रमुख बाजारों की दुकानों और हाथ ठेलों पर रंग गुलाल बिकने लगा है।
5 हजार कंडों सजेगी सिंहपुरी की होली
फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर मंगलवार की रात होलिका दहन की परंपरा का निर्वहन पूरे शहर में किया जाएगा। शहर की सबसे प्राचीन और अनूठी सिंहपुरी की 5 हजार कंडों वाली होली सजकर तैयार हो गई है। इसके अलावा पूरे शहर में होलिका दहन के कार्यक्रम आरंभ होने से पहले महाकाल मंदिर प्रांगण में पुजारियों द्वारा होलिका दहन किया जाएगा। पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि मंगलवार की शाम को भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद ओंकारेश्वर मंदिर के सामने विधिवत पूजन अर्चन करने के बाद होलिका दहन किया जाएगा, वहीं 8 मार्च धुलेंडी के दिन तड़के 4 बजे भस्मारती में सबसे पहले भगवान महाकाल को रंग गुलाल लगाया जाएगा। साथ ही परंपरानुसार भगवान महाकाल को भी शीतल जल से स्नान कराना आरंभ कर दिया जाएगा। इसके साथ ही भगवान महाकाल की आरतियों के समय में भी परिवर्तन हो जाएगा। महाकाल में होलिका दहन के साथ ही शहर में 400 से ज्यादा स्थानों पर होलिका दहन के कार्यक्रम होंगे।
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