भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने 2023 में चुनावी फतह करने के लिए बूथ पर 51 फीसदी वोट जुटाने का लक्ष्य रखा है। जिससे पार्टी चुनाव में आसानी से जीत सके। भाजपा के इस सूत्र पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक गोपाल भार्गव पिछले 38 साल से अमल करते आ रहे हैं। भार्गव लगातार आठवीं बार से विधायक हैं और हर बार 54 फीसदी से ज्यादा वोट पाते आ रहे हैं। उनके जीत के रिकॉर्ड के अनुसार उन्हें किसी भी चुनाव में 54 फीसदी से कम वोट मिला ही नहीं है। हर चुनाव में इतना वोट पाने वाले भार्गव इकलौते भाजपा नेता हैं।
खांटी बुंदेलखंडी पंडित गोपाल भार्गव 1985 से मप्र विधानसभा के सदस्य हैं। उन्हें पहले विधानसभा चुनाव में 30756 वोट मिले तो जो विधानसभा क्षेत्र के कुल वोट 53628 का 57 फीसदी से है। इसके बाद उन्हें हर विधानसभा चुनाव में कुल मतदाताओं के आधे से ज्यादा वोट मिले हैं। खास बात यह है कि 2013 का चुनाव तो गोपाल भार्गव ने बिना चुनाव प्रचार के ही जीता था। चुनाव की घोषणा होने के बाद भार्गव एक दिन के लिए भी अपनी रेहली विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के लिए नहीं निकले थे। इसके बावजूद भी भार्गव को क्षेत्र की जनता ने 51 हजार से ज्यादा मतों से जिताकर विधानसभा भेजा था। आठ बार के चुनाव का विश्लेषण करें तो गोपाल भार्गव को 54 फीसदी से लेकर 69 फीसदी तक वोट मिले हैं। मप्र के इतिहास में यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। भार्गव पहले विधायक हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के 8 विधानसभा चुनावों में 54 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए हैं। हालांकि भाजपा के अन्य नेताओं ने भी 1 लाख से ज्यादा अंतर से जीत हासिल की है, लेकिन वे एक चुनाव तक ही सीमित रहे है। भाजपा के मौजूदा किसी भी विधायक ने अपने सभी विधानसभा चुनावों में 51 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल नहीं किए हैं।
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