नया शास्त्री ब्रिज बनाने पर 60 से 70 करोड़ का खर्च
रेलवे ने नगर निगम को सौंपी ब्रिज की ड्राइंग और डिजाइन
इंदौर, अमित जलधारी। शहर के पूर्व, पश्चिमी और मध्य क्षेत्र को जोडऩे वाले सबसे पुराने शास्त्री ब्रिज की जगह नया चौड़ा ब्रिज बनाया जाएगा। इसके निमाüण पर 60 से 70 करोड़ रुपए खर्च होंगे और ब्रिज वर्मातन से चार मीटर और चौड़ा होगा। इंदौर रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Indore Railway Station Redevelopment Project) के तहत यह काम किया जाना है। रेलवे ने नगर निगम के अफसरों को नए ब्रिज की ड्राइंग-डिजाइन सौंप दी है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल (corporator pratibha pal) ने डिजाइन में कुछ मामूली बदलाव करने को कहा है। अगले हफ्ते रेलवे उक्त बदलाव कर नई डिजाइन नगर निगम को सौंप देगा। निगम की मंजूरी के बाद रेलवे टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा।
शास्त्री ब्रिज का लोकापüण 12 जनवरी 1953 को तत्कालीन रेल मंत्री लालबहादुर शास्त्री ने किया था। इस तरह यह ब्रिज करीब 70 साल पुराना है और अपनी उम्र पूरी कर चुका है। वतüमान में ब्रिज पूरी तरह फोरलेन भी नहीं है। इंदौर स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत मुख्य रेलवे स्टेशन के आड़े-तिरछे प्लेटफॉमü सीधे किए जाना हैं और लंबाई भी बढ़ाई जाना है। कम ऊंचाई और ब्रिज का निचला हिस्सा छोटा होने के कारण यह काम तब तक संभव नहीं हैं, जब तक ब्रिज तोडक़र नया नहीं बनाया जाता। नगर निगम के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि वतüमान ब्रिज के मेन कैरेज वे छह-छह मीटर चौड़े हैं।
तकनीकी रूप से सिक्स लेन नहीं
निगम सूत्रों ने बताया कि नए ब्रिज की चौड़ाई तो बढ़ेगी, लेकिन यह तकनीकी रूप से पूरी तरह सिक्स लेन नहीं होगा। हालांकि, नया बनने के बाद ब्रिज पूरी तरह फोरलेन चौड़ा जरूर हो जाएगा। ब्रिज के बॉटम की ऊंचाई रेलवे ट्रैक से पांच मीटर है, जो विद्युतीकृत रेल लाइन के कारण कम से कम 6.25 मीटर होना चाहिए। रेलवे जिस एजेंसी को इंदौर रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट का काम सौंपेगा, उसी को शास्त्री ब्रिज तोडक़र नया ब्रिज बनाना होगा। रीगल चौराहे से गांधी हॉल तक ब्रिज के मुख्य मागü की चौड़ाई दोनों तरफ लगभग दो-दो मीटर बढ़ाई जाएगी।
घटाई जा सकती है रोटरी की चौड़ाई
गांधी प्रतिमा तरफ ब्रिज की भुजा वतüमान से थोड़ा और आगे बनेगी। जरूरत हुई तो रीगल चौराहे की रोटरी का आकार घटाया जाएगा। वतüमान में यह रोटरी काफी बड़ी है।
सबसे बड़ी चुनौती
शास्त्री ब्रिज की जगह नया ब्रिज बनाने में कम से कम एक से डेढ़ साल लगना तय है। इतने लंबे समय तक शहर के इतने महत्वपूणü ब्रिज को बंद रखना और वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से गुजारना स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती होगा। रेलवे लाइन पर स्थित शहर के रेल ओवरब्रिजों में से शास्त्री ब्रिज सबसे महत्वपूणü है। वतüमान के साथ भविष्य के हिसाब से भी ब्रिज बनना बेहद जरूरी है, क्योंकि आने वाले समय में नगर निगम को भी वहां नए ब्रिज बनाने की जरूरत पड़ेगी।
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