प्राधिकरण बोर्ड संकल्प के आधार पर आज अंतिम मंजूरी के लिए भोपाल भेजेगा, तिलक नगर को सशर्त मुक्ति, मगर संवाद नगर सहित अन्य संस्थाओं की जमीनें रहेंगी योजना में शामिल
इंदौर। प्राधिकरण बोर्ड में पारित संकल्प के आधार पर आज शासन को दो आवासीय योजनाओं की अंतिम मंजूरी के लिए भेजी जा रही है। टीपीएस-9 और 10 पर मिली लगभग 614 आपत्तियों का निराकरण किया गया है, जिसमें तिलक नगर एक्सटेंशन और उसकी जमीनें मंजूरियों के आधार पर सशर्त छोड़ी जाएगी और बदले में रोड निर्माण की राशि वसूल करेगा। जबकि संवाद नगर सहित अन्य संस्थाओं की जमीनें शामिल रहेगी। इन दोनों योजनाओं में लगभग 1200 एकड़ जमीनें शामिल है। टीपीएस-9, बायपास पर भिचौली हब्सी, कनाडिय़ा और टिगरियाराव की 263 हेक्टेयर पर, जबकि टीपीएस-10 सुपर कॉरिडोर पर बड़ा बांगड़दा, टिगरिया बादशाह, पालाखेड़ी और लिम्बोदागारी की लगभग 223 हेक्टेयर पर अमल में लाई जा रही है। योजना के प्रारम्भिक प्रकाशन के बाद 6 महीने में प्राधिकरण और शासन को इसे अमल में लाना पड़ेगा। यानी मार्च अंत तक शासन को अंतिम मंजूरी देना होगी।
लैंड पुलिंग एक्ट के तहत अब योजनाएं घोषित की जा रही है, जिसके चलते प्राधिकरण की पुरानी योजनाओं को टीपीएस के तहत नए सिरे से लागू करना पड़ा। पूर्व में टीपीएस-1, 3, 5 और 8 पर प्राधिकरण ने अमल शुरू कर दिया है, जबकि टीपीएस-4 पर हाईकोर्ट स्टे चल रहा है। 500 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य भी इन योजनाओं में शुरू कर दिए हैं। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा का कहना है कि पिछले दिनों प्राधिकरण बोर्ड में टीपीएस-9 और 10 पर चर्चा की गई। शासन के नियमों के मुताबिक आपत्तियों की सुनवाई गठित कमेटी द्वारा की गई और फिर उसके आधार पर संकल्प पारित कर अब शासन को अंतिम मंजूरी के लिए ये दोनों योजनाएं आज भेज दी जाएगी। दरअसल अक्टूबर के माह में इन दोनों योजनाओं को शासन ने मंजूर करते हुए प्राधिकरण को दावे-आपत्तियों सहित अन्य प्रक्रिया के लिए भिजवाया। तत्पश्चात प्राधिकरण ने नोटिफिकेशन करते हुए दावे-आपत्तियां आमंत्रित की और दोनों योजनाओं में लगभग 614 आपत्तियां मिली, जिनकी सुनवाई कमेटी ने की और उसके बाद फिर अभी प्राधिकरण बोर्ड बैठक में कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा की गई, जिसमें द टैक्सटाइल वर्कर्स को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की टिगरियाराव में स्थित जमीन पर सबसे अधिक 219 आपत्तियां आई, जो तिलक नगर और एक्सटेंशन के भूखंडधारकों ने लगाई। चूंकि ये वर्षों पुरानी कालोनियां हैं, जिन पर अनुमतियों के साथ मकान भी बन गए हैं। लिहाजा विकास प्रभार लेकर सशर्त अनुबंध करते हुए जमीन योजना से मुक्त रखी जाएगी। वहीं आधा दर्जन आपत्ति उद्योग केन्द्र के खसरा नंबरों पर भी मिली, जिसमें 99 साल की लीज उद्योगों को दी गई। हालांकि मास्टर प्लान में ये जमीन आवासीय उपयोग की है। लिहाजा बोर्ड ने तय किया कि जिला उद्योग केन्द्र इसकी लीज निरस्त करे और आपत्तिकर्ताओं के उद्योग अन्य जगह शिफ्ट कराए जाएं। टीपीएस-9 में कुछ अन्य गृह निर्माण संस्थाओं की भी जमीन है, जिसमें चर्चित करतार गृह निर्माण, संवाद नगर, दीप ज्योति, पाश्र्वनाथ, हिमालय, सुमंगला, अमित प्रिया, पृथ्वी सहित अन्य संस्थाओं की जमीनें भी हैं और इनमें से अधिकांश संस्थाएं जेबी हैं। पूर्व में भी प्राधिकरण ने इस तरह की संस्थाओं की जमीनें छोडऩे का निर्णय नहीं लिया था, जिनमें से कई भूमाफियाओं के चंगुल में भी है।
पुष्प विहार के पीडि़त भूखंडधारकों ने निकाली भड़ास
प्राधिकरण की योजना 171 में कई गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें शामिल है, जिनमें से अधिकांश भूमाफियाओं के चंगुल से छुड़वाकर भूखंड पीडि़तों को आबंटित भी पिछले दिनों चलाए गए ऑपरेशन माफिया में आबंटित करवाई गई। इसमें मजदूर पंचायत गृह निर्माण की एमआर-10 पर विकसित कॉलोनी पुष्प विहार भी शामिल है। कल इसके पीडि़़तों ने प्राधिकरण दफ्तर पहुंचकर जमकर भड़ास अफसरों पर निकाली और अध्यक्ष से कहा कि मुख्यमंत्री ने ही माफिया से जमीन मुक्त करवाकर हम पीडि़तों को दिलवाई। मगर अब प्राधिकरण एनओसी नहीं दे रहा है, जिसके चलते नगर निगम से भवन अनुज्ञा हासिल नहीं हो रही है। पीडि़तों की ओर से अध्यक्ष एनके मिश्रा ने शासन की अधिसूचना 28.09.2020 का हवाला भी दिया।
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