भोपाल। भोपाल नगर निगम का नीमच में 16 मेगावॉट का विंड एनर्जी प्रोजेक्ट लगाने का प्लान है। इस पर कुल 74 करोड़ रुपए खर्च होंगे। निगम 30 करोड़ रुपए का कर्ज भी लेगा। हालांकि, प्रोजेक्ट को परिषद की पिछली दो मीटिंग में मंजूरी नहीं मिली है। एक बार खूब तकरार हुई तो दूसरी मीटिंग में मेयर मालती राय ने चर्चा से पहले ही प्रोजेक्ट वापस ले लिया था। इसी प्रोजेक्ट को अगली मीटिंग में फिर से लाने की तैयारी है। नवकरणीय ऊर्जा विभाग के पांच एक्सपर्ट की टिप्स भी ली जा रही है। ताकि, विपक्ष को प्रोजेक्ट पर राजी कराया जा सके।
हालांकि, विपक्ष प्रोजेक्ट को लेकर नाराज हैं। नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी का कहना है कि निगम पहले ही कर्जदार है। बावजूद निगम भोपाल से सैकड़ों किलोमीटर दूर विंड प्रोजेक्ट लगा रहा। यदि प्रोजेक्ट वापस मीटिंग में लाया जाता है तो विपक्ष विरोध करेगा। यह शहर के हित में नहीं है। 3 नवंबर को मीटिंग में विंड का प्रस्ताव रखा गया था, जो अध्यक्ष सूर्यवंशी ने पुनर्विचार के लिए लौटा दिया था। वहीं, आसंदी से दिए निर्देश का पालन करने को कहा था। तब मीटिंग में कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा किया था। कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी ने प्रोजेक्टर पर प्रोजेक्ट के फायदे भी बताए थे। फिर भी अध्यक्ष और पार्षद संतुष्ठ नहीं हुए थे। 21 जनवरी को परिषद की मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा जाना प्रस्तावित था, लेकिन मीटिंग शुरू होते ही मेयर राय ने प्रस्ताव वापस ले लिया था। महापौर ने कहा था कि लोन लेने के बावजूद निगम फायदे में रहेगा। यह शहर हित का प्रस्ताव है। उन्होंने निगम कमिश्नर से प्रोजेक्ट में नवकरणीय ऊर्जा विभाग के पांच एक्सपर्ट की टीप लेने की बात कहीं थी। वहीं, महापौर ने एजेंडे के बारे में भी बताया था। इसके बाद एजेंडे से विंड एनर्जी के प्रस्ताव को हटा दिया गया।
3 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट
भोपाल की शहर सरकार का बजट 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा। 21 मार्च के बाद बजट पेश किया जाएगा। इससे पहले विपक्ष ने हर वार्ड के लिए राशि आवंटन की मांग उठाई है। वहीं, पार्षद निधि बढ़ाकर 50 लाख रुपए किए जाने की बात कही है। बता दें कि पिछले तीन बजट निगम अफसरों ने ही बनाए हैं, लेकिन इस बार परिषद के गठन होने से बजट बनाने की जिम्मेदारी महापौर और एमआईसी की है।
शहर में शेल्टर हाउस बनाए जाए
पार्षद निधि राशि 50 लाख रुपए की जाए। पार्षद निधि के वार्षिक टेंडर की प्रोसेस व्यवस्थित नियमानुसार की जाए, या चार लाख रुपए तक के टेंडर पूर्व की तरह जोन स्तर से कराए जाए। ताकि, विकास कार्यों में प्रगति आ सकें।
पिछले बजट में जल प्रभार बढ़ाया था
पिछला बजट अफसरों ने तैयार किया था, जो 3 हजार 104 करोड़ रुपए का था। यह बिना लाभ-हानि का बजट पेश किया गया था। नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स में तो कोई बढ़ोतरी नहीं की थी, लेकिन 2400 वर्ग फीट या उससे ज्यादा बड़े मकानों का वाटर टैक्स 180 रुपए से बढ़ाते हुए 210 से 300 रुपए कर दिया था। वहीं, ठोस अपशिष्ठ प्रभार भी 30 रुपए से बढ़ाते हुए 60 से 90 रुपए किया गया है। निगम कमिश्नर केवीएस कोलसानी चौधरी ने निगम प्रशासक गुलशन बामरा की मंजूरी के बाद बजट पेश किया था।
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