कीव (Kyiv)। यूक्रेन-रूस (Russia-Ukraine War) के बीच चल रहे संघर्ष का अभी तक कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। इस युद्ध का असर ऊर्जा समेत अनेकों क्षेत्रों (various sectors including energy) पर पड़ रहा है। इस युद्ध की वजह से यूरोपीय देशों (european countries) को ऊर्जा आपूर्ति (power supply) को लेकर काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। वहीं अब मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने अब पोलेंड के लिए पाइपलाइन से तेल की आपूर्ति रोक दी है।
पोलिश रिफाइनर पीकेएन ओर्लेन (Polish refiner PKN Orlen) के मुख्य कार्यकारी ने शनिवार को कहा कि रूस ने द्रुजबा पाइपलाइन के माध्यम से पोलैंड को तेल की आपूर्ति रोक दी है, और कहा कि कंपनी अंतर को भरने के लिए वैकल्पिक स्रोतों को तलाश रही है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों से पाइपलाइन से तेल की आपूर्ति को बाहर रखा गया था, लेकिन पोलैंड द्वारा यूक्रेन को अपना पहला लियोपार्ड टैंक देने के एक दिन रूस ने ही यह आपूर्ति रोक दी है। हालांकि पोलेंड ने इसे चिंताजनक नहीं कहा है।
कंपनी पीकेएन ओर्लेन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेनियल ओब्जटेक ने कहा कि हम प्रभावी ढंग से आपूर्ति हासिल कर रहे हैं। रूस ने पोलैंड को आपूर्ति बंद कर दी है, जिसके लिए हम तैयार हैं। रूस से केवल 10 फीसदी कच्चा तेल आ रहा है और हम इसे अन्य स्रोतों से तेल से बदल देंगे।
कंपनी ने कहा कि वह अपनी रिफाइनरियों को पूरी तरह से समुद्र के माध्यम से आपूर्ति कर सकती है और पाइपलाइन की आपूर्ति में रुकावट से ग्राहकों को गैसोलीन और डीजल की डिलीवरी प्रभावित नहीं होगी। फरवरी तक, रूस की रोसनेफ्ट के साथ एक अनुबंध समाप्त होने के बाद, ओरलेन को रूस की तेल और प्राकृतिक गैस कंपनी टाटनेफ्ट के साथ एक सौदे के तहत तेल मिलता रहा है।
वहीं इस मामले पर टाटनेफ्ट और रूसी तेल पाइपलाइन एकाधिकार ट्रांसनेफ्ट ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। आक्रमण के एक साल बाद यूक्रेन के समर्थन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने वारसॉ और कीव का दौरा करने के बाद आपूर्ति रोक दी। शुक्रवार को यूरोपीय संघ रूस पर प्रतिबंधों के 10वें पैकेज पर सहमत हो गया।
यूक्रेन पर आक्रमण के बाद और यूरोपीय संघ द्वारा रूस से समुद्री आपूर्ति पर रोक लगाने से पहले, ओर्लेन ने समुद्र के माध्यम से रूसी तेल और ईंधन खरीदना बंद कर दिया। कंपनी के आपूर्ति पोर्टफोलियो में अब पश्चिमी अफ्रीका, भूमध्यसागरीय, खाड़ी और मैक्सिको की खाड़ी से तेल शामिल है। इसका 2022 तक सऊदी अरामको के साथ आपूर्ति अनुबंध भी है।
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