इंदौर। कालेज (College) में घुसकर प्राचार्या (Principal) को जिंदा जलाने की लोमहर्षक (Horror) घटना से पहले मौत (Death) ने कई बार दस्तक दी थी और प्राचार्या ने चार बार पुलिस (Police) को इस दस्तक की आहट दी, लेकिन कानून अपना काम नहीं कर पाया और हत्यारा अपना काम कर गया।
प्राचार्या विमुक्ता शर्मा (Principal Vimukta Sharma) ने एक साल पहले 14 फरवरी 2022 को सिमरोल (Simrol) के थाना प्रभारी को लिखित शिकायत कर कहा था कि आशुतोष (Ashutosh) खराब रिजल्ट के चलते आत्महत्या की धमकी दे रहा है। इसके बाद 28 फरवरी 2022 को फिर एक बार प्राचार्या ने पुलिस को पत्र लिखकर कहा कि हमारी जान को खतरा है। इस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो तीसरा पत्र 7 सितम्बर 2022 को प्रोफेसर डॉ. विजय पटेल और प्रो. चिंतामण कुमावत ने पुलिस को लिखा कि वह शराब के नशे में हाथापाई, अभद्रता करते हुए जान से मारने की धमकी दे रहा है। इसके बाद 18 अक्टूबर को प्रोफेसर उमेश अटनेरिया और छात्र मयूर पटेल ने थाने में जाकर आशुतोष के खिलाफ बकायदा रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन उस पर मामूली धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया जिससे वह छूटकर और क्रूर हो गया और उसने इस लोमहर्षक घटना को अंजाम दे डाला।
बेटे ने जान ली, बाप को इज्जत की चिंता
प्राचार्या को जिंदा जलाने वाले आशुतोष के पिता संतोषकुमार श्रीवास्तव ने कहां कि मैने मेहनत कर उसे पढ़ाया, लेकिन उसने मेरी इज्जत मिट्टी में मिला दी। जो उसने किया वह बहुत गलत किया है। मैं एक कंपनी में काम कर परिवार को पालता था लेकिन लॉक डाउन के नौकरी चले जाने के बाद डिलेवरी बॉय का काम कर परिवार को पाल रहा हूं। मेरा एक और बेटा अमन है। वह बीकॉम कर रहा है। वह उसकी पढ़ाई पर भी संकट आ गया है।
घटना के बाद मां को घर पर हमले की चिंता… रामायण पढ़ती रही…
घटना के बाद हत्यारे की मां को इस बात की चिंता थी कि घटना से आक्रोशित लोग उसके घर पर हमला न बोल दें इसलिए वो शिक्षिका की मौत की खबर के बाद घर में रामायण पढ़ती रही।
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