भोपाल। मप्र में नक्सली हमले में प्रभावित होने वालों को सहायता के लिए प्रदेश सरकार नीति बना रही है। गृह विभाग द्वारा तैयार की जा रही नीति के अनुसार हमले में मारे जाने पर मृतक के स्वजन को राज्य सरकार की तरफ से 5 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। साथ ही जीवनयापन के लिए दो एकड़ जमीन और परिवार के किसी व्यक्ति को तृतीय श्रेणी की नौकरी मिलेगी। इसी तरह अपंगता होने पर पीडि़त को चार लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। हमले में पुलिसकर्मी के बलिदान होने पर 20 लाख रुपए और अपंगता पर चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। बता दें कि प्रदेश में बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिले को नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है। तीनों जिले में मिलाकर करीब सौ नक्सली सक्रिय हैं। सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित बालाघाट है। यहां मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या की आधा दर्जन से अधिक घटनाएं बीते तीन वर्ष में हो चुकी हैं। नक्सलियों ने जून, 2020 में लांजी के पुजारीटोला में एक ग्रामीण की हत्या, जून, 2021 में बमनी गांव में 45 वर्षीय व्यक्ति की हत्या और नवंबर, 2021 में बालाघाट जिले के मालखेड़ी में दो ग्रामीणों की घर से निकालकर हत्या की थी। वहीं मार्च, 2022 में कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की गेट पर वन विभाग के कर्मचारी की हत्या की थी, जबकि अगस्त 2022-जगला गांव में एक युवक की हत्या कर दी थी।
चुनाव से पहले लागू होगी नीति
जानकारी के अनुसार नक्सली हमले से प्रभावित होने वाले लोगों की सहायता के लिए मध्य प्रदेश सरकार पहली बार नीति बना रही है। विधानसभा चुनाव के पहले सरकार यह नीति लागू करने की तैयारी में है। इसके अलावा नक्सलियों के समर्पण के लिए भी सरकार उदार नीति बना रही है। गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार नक्सली हिंसा में पीडि़तों के लिए बनाई जा रही नीति में कई बड़े प्रविधान किए जा रहे हैं। पीडि़त परिवार को जीवन यापन के लिए खदान भी देने का प्रस्ताव है। साथ ही उन्हें सामाजिक न्याय विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभ दिया जाएगा। इस नीति को लेकर गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के बीच हाल ही में बैठक हो चुकी है।
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