सियोल (Seoul)। उत्तर कोरिया (North Korea) ने जवाबी परमाणु हमला (retaliatory nuclear strike) करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। उत्तर कोरिया की केसीएनए समाचार एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने शत्रुतापूर्ण बलों (hostile forces) के खिलाफ परमाणु पलटवार (nuclear strike operation) का संचालन करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए चार रणनीतिक क्रूज मिसाइलों का परीक्षण (test of strategic cruise missiles) किया है, जो जवाबी परमाणु हमला करने के लिए डिजाइन की गई है।
जानकारी के अनुसार, इस अभ्यास में गुरुवार को कोरियाई पीपुल्स आर्मी की परिचालन रणनीतिक क्रूज मिसाइल इकाई शामिल थी, जिसने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी तट से दूर समुद्र की ओर उत्तरी हैमयोंग प्रांत के किम चाक शहर के क्षेत्र में चार ‘हवासल -2’ (Hwasal-2) मिसाइलें दागीं। उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी ने कहा कि अन्य इकाइयों ने लाइव फायरिंग के बिना कठोर साइटों पर गोलाबारी प्रशिक्षण का आयोजन किया।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चार रणनीतिक क्रूज मिसाइलों ने 2000 किमी (1,242.7 मील) लंबे लक्ष्य को 10,208 सेकंड से 10,224 सेकंड के बीच मार गिरया। केसीएनए ने कहा कि उत्तर कोरिया ने अभ्यास के दौरान, शत्रुतापूर्ण ताकतों के खिलाफ घातक परमाणु पलटवार करने की क्षमता का प्रदर्शन किया। इन मिसाइलों के परीक्षण के बारे में दक्षिण कोरिया या जापान द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई, जो अक्सर उत्तर कोरियाई लॉन्च का पता लगाते हैं और सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट करते हैं।
पेंटागन ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने एक गोलमेज अभ्यास में भाग लिया, जो उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियार का उपयोग करने की संभावना पर केंद्रित था। बता दें कि परमाणु-सशस्त्र देश (उत्तर कोरिया) की मिसाइल गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, उत्तर कोरिया नई मिसाइलों के विकास और बड़े पैमाने पर उत्पादन में लगातार आगे बढ़ा है।
बीते शनिवार को एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) सहित कई लॉन्च किए गए थे। उत्तर कोरिया की मीडिया द्वारा इसे हथियारों का संचालन करने वाले सैनिकों की क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किए गए अभ्यास के रूप में सूचित किया गया था। यूएस-आधारित सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज ने इस सप्ताह एक रिपोर्ट में कहा कि इन परीक्षणों को विकासात्मक परीक्षण के बजाय मिसाइल अभ्यास माना जा सकता है।
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