जबलपुर। शहर की सड़कों के किनारे निर्माण सामग्री, मलबे का ढेर शहर की तस्वीर बिगाड़ रहा है। सार्वजनिक स्थलों पर अवैध तरीके से निर्माण सामग्री की दुकान संचालित हो रही हैं। जगह-जगह टूट-फूट के मलबे की डम्पिंग की जा रही है। स्वच्छता में नंबर के लक्ष्य को लेकर काम कर रहे नगर निगम के अफसर भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सड़क, फुटपाथ या अन्य सार्वजनिक स्थान में निर्माण सामग्री की दुकान संचालित करने से लेकर मनमाने तरीके से कहीं भी मलबा डालने वालों पर कार्रवाई में निरंतरता नहीं है। स्वच्छ सर्वेक्षण का समय करीब आने पर निगम का स्वच्छता अमला और संभागीय कार्यालयों की टीम गाह-बगाहे जुर्माना की कार्रवाई तक सीमित है।
मलबा प्रबंधन की जरूरत
शहर में वृहद स्तर पर निर्माण जारी हैं। जबलपुर के महानगरीय स्वरूप लेने के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के प्रोजेक्ट्स जारी रहेंगे। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि टूट-फूट में निकलने वाले मलबा के फिलिंग साइट पर उपयोग से लेकर पुनरू उपयोग को लेकर संभागीय स्तर पर आवश्यक इंतजाम करना चाहिए।
भंडारा स्थलों पर फैला कचरा
पर्व के अगले दिन शहर में कई भंडारा स्थलों के पर कचरा फैला नजर आया। निगम के स्वच्छता अमले ने इन स्थानों से दोना, पत्तल, कचरा नहीं उठाया। जबकि शहर में स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारी जारी है।
अवैध तरीके से निर्माण सामग्री की दुकान बनी सरदर्द
जानकारों का मानना है कि सड़क, फुटपाथ सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से निर्माण सामग्री की दुकान लगाए जाने से रोकने जुर्माना की बड़ी कार्रवाई से लेकर जब्ती की कार्रवाई सालभर होना चाहिए। जिससे की निर्माण सामग्री विक्रेताओं की आदत में बदलाव आ सके।
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