नई दिल्ली: अडानी स्टॉक विवाद (adani stock controversy) को लेकर जहां एक तरफ कांग्रेस केंद्र सरकार (Central government) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को घेरने में लगी हुई है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में हैं. 17 फरवरी को अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर कांग्रेस की एक प्रेस वार्ता के दौरान, पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा (Party spokesperson Pawan Kheda) ने प्रधानमंत्री को नरेंद्र ‘गौतम दास’ मोदी के रूप में संदर्भित किया. लेकिन बाद में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह सच में पीएम के पूरे नाम को लेकर भ्रमित थे.
दरअसल पत्रकारों से बात करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र ‘गौतम दास’ मोदी को क्या दिक्कत है? हालांकि बयान देने के बाद खेड़ा ने अपने आसपास मौजूद लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री का मिडिल नेम सही पुकारा है? खेड़ा ने फिर कहा कि ‘नरेंद्र गौतम दास मोदी को क्या समस्या है?’ कांग्रेस नेता ने बाद में पूछा, ‘क्या यह गौतम दास या दामोदर दास है?’ इस दौरान पवन हंसते हैं और यह कहते हुए तंज करते हैं कि भले ही नाम दामोदर दास है, लेकिन उनके काम गौतम दास के समान हैं. बाद में एक ट्वीट में खेड़ा ने स्पष्ट किया कि वह वास्तव में प्रधानमंत्री के नाम को लेकर भ्रमित थे.
अब पवन खेड़ा के इस बयान के बाद उन पर बीजेपी जमकर हमलावर है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इसे कांग्रेस की तरफ से पीएम मोदी के पिता पर निशाना लगाना कहा है. इसके अलावा बीजेपी के अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी पवन खेड़ा को ट्विटर पर घेरना शुरू कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ ट्विटर पर कई लोगों ने पवन खेड़ा के बयान को पीएम का अपमान बताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता की आलोचना की. इसके अलावा फिल्म मेकर विवेक अग्निहोत्री ने भी ट्वीट करते हुए कहा है कि यह मज़ाक़ बहुत भारी पड़ेगा. मणिशंकर अइयर के बाद अब पवन खेड़ा ने कब्र खोदी है. इस मामले में बीजेपी नेता मुकेश शर्मा ने तो पवन खेड़ा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है.
बता दें कि अडानी-हिंडनबर्ग विवाद के बीच कांग्रेस और विपक्षी दलों ने इस मामले में एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग की है, हालांकि अभी तक कोई समिति गठित नहीं की गई है. अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है.
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया. हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट के बाद अडानी के खिलाफ जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं.
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