इंदौर (Indore)। शहर के रेल इतिहास (rail history) के सबसे बड़े ब्लॉक के आखिरी पांच दिन बचे हैं और तय समय सीमा में रेलवे ने इंदौर-उज्जैन रेल लाइन दोहरीकरण में काफी तेजी ला दी है। मेगा ब्लॉक के दौरान कड़छा से बरलई के बीच सभी दोहरीकरण से संबंधित सभी बड़े काम किए जा रहे हैं। इनमें ट्रैक लिंकिंग, सिग्नलिंग, रेल लाइन विद्युतीकरण, रेलवे स्टेशनों पर बने नए प्लेटफॉर्म में फुट ओवरब्रिज की गर्डर चढ़ाना, दोहरी लाइन और गिट्टी बिछाना जैसे काम शामिल हैं। रेलवे ने 11 से 24 फरवरी तक काम के लिए मेगा ब्लॉक लिया है।
रतलाम रेल मंडल के अफसर चाहते हैं कि कड़छा-बरलई सेक्शन के मेगा ब्लॉक का पूरा फायदा उठाते हुए सभी जरूरी काम कर दिए जाएं। इसके तुरंत बाद पश्चिमी जोन के कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) से नई लाइन का निरीक्षण करवा दिया जाएगा, ताकि दोहरीकृत रेल लाइन से जल्द यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हो सके। सीआरएस निरीक्षण के दौरान जो कमियां और समस्याएं बताएंगे, उन्हें भी युद्धस्तर पर दूर किया जाएगा। उनकी अनुमति के बाद ही रेल लाइन से यात्री ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो सकेगी। तब तक सिंगल लाइन से रेल यातायात गुजरेगा। दोहरीकरण होने के बाद बरलई से देवास होते हुए उज्जैन तक डबल लाइन की सुविधा मिलने लगेगी, जिससे ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए बार-बार नहीं रुकना पड़ेगा।
इंदौर-बरलई सेक्शन बचेगा
कडछा-बरलई दोहरीकरण पूरा होने के बाद केवल इंदौर-बरलई रेल लाइन सेक्शन बचेगा। 2023 में इसी हिस्से का काम पूरा होने में पूरा जोर रहेगा। बरलई-इंदौर (लक्ष्मीबाईनगर) के बीच अर्थवर्क का काम पहले ही शुरू हो चुका है। इस साल रेल बजट में 79 किलोमीटर लंबी इंदौर-देवास-उज्जैन रेल लाइन दोहरीकरण के लिए 185 करोड़ रुपए की राशि दी गई है, जिसमें काफी काम हो सकता है।
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