उज्जैन। करोड़ों रुपए के निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि जनता का पैसा भ्रष्ट निर्माण और कमीशन में लगाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि लगभग 5 साल पहले स्मार्ट सिटी कंपनी ने शहर के दो दर्जन मार्गों को स्मार्ट रोड बनाने की योजना बनाई थी। इसमें भूमिगत पाईप लाईन, सीवरेज, टेलीफोन, गैस पाईप लाईन बिछाए जाने के साथ ऊपर रोड पर पार्किंग, पैदल चलने के लिए पाथ वे और सायकल ट्रैक बनाया जाना था। पहले यह काम टाटा कंपनी को दिया गया था, लेकिन बाद में स्मार्ट सिटी कंपनी ने यह काम खुद करना शुरू कर दिया था।
इसमें कंपनी ने अभी तक कोयला फाटक से लेकर प्रीति नगर तक 1100 मीटर, जीरो पाइंट ब्रिज से माता मंदिर तक 476 मीटर, जीरो पाइंट ब्रिज से जैन मंदिर तक 380 मीटर और जैन मंदिर से ढांचा भवन उद्योगपुरी तक 276 मीटर सड़क बनाई है। इसके अलावा त्रिवेणी से चारधाम तक 750 मीटर लंबे मार्ग को हाल ही में पूरा किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी ने अभी तक कुल 3 हजार 700 मीटर लंबी सड़कें बनाई है, लेकिन उन सड़कों में मापदंडों को दरकिनार किया गया है। ढांचा भवन क्षेत्र में बनी स्मार्ट सड़कें कई जगह से ऊंची-नीची है और बारिश में जलजमाव होता है। सड़क के दोनों ओर लगाए गए पेड़-पौधे भी सूख गए हैं और कई जगह पाथवे पर ब्लॉक लगाने का काम भी अधूरा छोड़ दिया गया है।
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