नई दिल्ली। अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उद्योगपति गौतम अदाणी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजदीकियों पर सवाल उठाया है। सोरोस ने कहा है कि इस घटनाक्रम से भारत के नियामकीय ढांचे पर भी सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा है कि इस मामले में सरकार कमजोर हुई है और इससे भारत में लोकतंत्र का पुनरुद्धार हो सकता है।
सोरोस ने कहा है कि इस मामले में मोदी खामोश हैं पर उन्हें विदेशी निवेशकों को और संसद में सवालों का जवाब देना होगा। अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस का कहना है कि गौतम अदाणी के कारोबारी साम्राज्य में मची उथल-पुथल से शेयर बाजार में बिकवाली आई है और इससे निवेश के अवसर के रूप में भारत में विश्वास हिला है। यह देश में लोकतांत्रिक पुनरुद्धार के दरवाजे खोल सकता है। सोरोस के इस बयान पर भाजपा ने भी पलटवार किया है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि एक विदेशी ताकत जिसके केंद्र में जॉर्ज सोरोस हैं, उन्होंने ऐलान किया है कि वे भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर वार करेंगे। उन्होंने ऐलान किया है कि वे PM मोदी को अपने वार का मुख्य बिन्दु बनाएंगे। उन्होंने ऐलान किया है कि वे हिन्दुस्तान में अपनी विदेशी ताकत के अंतर्गत एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जो हिन्दुस्तान के हितों का नहीं उनके हितों की रक्षा करेंगे। इसका मुंह तोड़ जवाब हर भारतीय को देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘यह भारत की संघीय सरकार पर मोदी की मजबूत पकड़ को काफी कमजोर करेगा और बहुत जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए दरवाजे खोलेगा। उन्होंने कहा मैं गलत हो सकता हूं, लेकिन मैं भारत में लोकतांत्रिक पुनरुद्धार की उम्मीद करता हूं।’
सोरोस, जिनकी नेटवर्थ लगभग 8.5 बिलियन डॉलर है ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक हैं। यह फाउंडेशन लोकतंत्र, पारदर्शिता और बोलने की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाले समूहों और व्यक्तियों को अनुदान देता है।
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