इंदौर (Indore)। जल शक्ति अभियान (Jal Shakti Abhiyan) के तहत शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल सर्वेक्षण किया गया। दिल्ली और भोपाल की टीमों ने जलूद से लेकर नगर निगम के जो वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट हैं उनके साथ-साथ रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी देखा और कई घरों में आने वाले पीने के पानी के नमूने भी लिए। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य यह है कि शहर और गांवों में जल संरक्षण से लेकर पानी की रीसाइक्लिंग, जल ोतों की क्या स्थिति है। दरअसल इंदौर नगर निगम ने बीते वर्ष रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर एक बड़ा अभियान चलाया, जिससे भू-जल स्तर भी सुधरा है।
इंदौर नगर निगम को वॉटर प्लस-प्लस अवॉर्ड भी स्वच्छता के साथ-साथ मिला है। वहीं अभी जल शक्ति अभियान के तहत हुए कार्यों का सर्वे भी कराया। कुएं, बावड़ी, तालाबों तक टीमें पहुंची। वहीं भागीरथपुरा क्षेत्र में घरों में आ रहे पीने के पानी की जांच भी की गई। कुछ लोगों ने शिकायत भी दर्ज कराई कि गंदा और बदबूदार पानी मिलता है, तो कहीं पानी साफ भी पाया गया। कबीटखेड़ी स्थित एसटीपी, बाणगंगा स्थित कुएं की बावड़ी सहित अन्य जगह रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी देखा।
वहीं अमृत 2.0 योजना के तहत 2118 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई, जिसकी समीक्षा कल की गई, जिसमें सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, निगमायुक्त प्रतिभा पाल, विधायक आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा, एमआईसी सदस्य अभिषेक शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत तैयार की गयी डीपीआर की जानकारी कन्सल्टेंट मेसर्स डीआरए के प्रतिनिधि श्री रितेश रंगारी द्वारा प्रस्तुत की गयी। बैठक में बताया गया कि इंदौर नगर निगम में अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत वाटर सप्लाय के लिए 1668.37 करोड़, वाटर बॉडी कन्जरवेशन के लिए 26.4 करोड़ तथा सिवरेज वर्क के लिए 423.34 करोड़ रूपए की कार्य योजना तैयार की गई है।
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