जिस दिन से चला हूं मिरी मंजिल पे नजऱ है,
आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा।
ये सुनील श्रीवास्तव हैं। भोपाल तो क्या पूरे सूबे में इनकी अपनी अलग पहचान है। इन्हें हम उन नोजवान सहाफियों (पत्रकारों) के लिए नज़ीर मान सकते हैं जो अपने काम, किरदार और जुनून के दम पे महज 15 बरसों में रिपोर्टर से एडिटर की कुर्सी तक पहुंच गए। टीकमगढ़ जिले के कारी क़स्बे के बाशिंदे सुनील ने रोजग़ार की तलाश में भोपाल का रुख किया। साल 2006 में इन्हें प्रॉक्टर एंड गैम्बल कंपनी में नोकरी मिली। लेकिन सुनील को शुरु से ही सहाफत बहुत मुतास्सिर करती थी। लिहाज़ा 2008 में इन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी की अच्छी खासी नोकरी छोड़ के बतौर रिपोर्टर राज टीवी से सहाफत शुरु करी। और 9 बरस बेहद मेहनत के बल पे ये आईएनडी 24 में एडिटर इन चीफ हो गए थे। इस चैनल को छोडऩे के बाद सुनील कुछ अरसा स्वदेश न्यूज़ में रहे। अभी चंद रोज़ पहले सुनील ने एमपी/सीजी के नए न्यूज़ चैनल एशियन न्यूज़ को बतौर एमपी एडिटर ज्वाइन किया है। ये चैनल छत्तीसगढ़ के साबिक़ जनसंपर्क एडिशनल डायरेक्टर सुभाष मिश्रा का है। इस चैनल को एमपी में जमाने का काम सुनील ने शुरु कर दिया है।
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