नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में भारत में महिला क्रिकेट नई ऊंचाईयों तक पहुंचा. भारतीय टीम भी मजबूत हुई. हाल में भारत ने पहला अंडर 19 महिला टी20 वर्ल्ड कप जीता. यहीं नहीं महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड भी लगातार कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में अगले महीने महिला प्रीमियर लीग का पहला सीजन खेला जाएगा. इस लीग के लिए बीते दिनों ही खिलाड़ियों की नीलामी भी हुई.
हरमनप्रीत कौर, स्मृति मांधना सहित कई बड़े नामों पर जमकर पैसा बरसा. कई अनजान नाम नीलामी के बाद रातों- रात स्टार बने. सभी फ्रेंचाइजियों ने लीग के लिए अपना स्क्वॉड भी पूरा कर लिया है. देश में महिला क्रिकेट तरक्की की राह पर है. लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ रही है. महिला क्रिकेट की इस तरक्की में एंकर मंदिरा बेदी का भी सबसे बड़ा योगदान रहा है.
विज्ञापन की नहीं ली फीस
कम लोग ही जानते होंगे कि मंदिरा बेदी महिला क्रिकेट के लिए उस समय आगे आईं, जब टीम को न तो ज्यादा सैलेरी मिलती थी और न ही कोई स्पॉन्सर था. उस दौर में एंकर मंदिरा बेदी ने महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए विज्ञापन किए और उनसे कोई फीस नहीं ली. वो महिला टीम की स्पॉन्सर थीं. बात 2003- 2004 की है, जब मंदिरा ने तत्कालीन खिलाड़ी मिताली राज सहित कई नामी खिलाड़ियों का दम पहचान लिया था और उन्होंने टीम को सपोर्ट करने का फैसला लिया.
महिला क्रिकेट की तरफ खींचा ध्यान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2003 से 2005 के बीच मंदिरा ज्वैलरी ब्रांड अस्मी की ब्रांड एंबेसेडर थीं और उन्होंने विज्ञापन की फीस इसलिए नहीं ली, क्योंकि वो ये सुनिश्चित करना चाहती थी कि 2004 में वेस्टइंडीज दौरे पर जाने वाली भारतीय महिला टीम को वो ब्रांड स्पॉन्सर करें. यानी उन्होंने इस विज्ञापन की अपनी पूरी कमाई ही महिला क्रिकेट पर लगा दी थी. एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि विज्ञापन से मिलने वाले पैसे को क्रिकेट स्पॉन्सरशिप में लगाया जाएगा. मंदिरा बेदी के इस कदम ने कई कॉरपॉरेट्स को महिला क्रिकेट की तरफ खींचा और फिर कई कॉरपॉरेट्स ने टीम को स्पॉन्सर भी करना शुरू किया.
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