नई दिल्ली (New Delhi)। कांग्रेस महाधिवेशन (congress convention) की तारीख करीब आते ही पार्टी में यह बहस तेज हो गई है कि क्या 26 साल बाद (26 years later) पार्टी में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) (Congress Working Committee (CWC)) के लिए चुनाव होंगे। सीडब्ल्यूसी के लिए आखिरी बार 1997 में कोलकाता अधिवेशन में चुनाव हुए थे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, अभी यह तय नहीं है कि कांग्रेस कार्यसमिति के लिए चुनाव होंगे या नहीं, क्योंकि इस बारे में अंतिम फैसला 24 फरवरी को रायपुर में होने वाली संचालन समिति की बैठक (steering committee meeting) में होगा। हालांकि, पार्टी के ज्यादातर नेता चुनाव के खिलाफ हैं।
रायपुर महाधिवेशन में करीब 1250 एआईसीसी सदस्य हिस्सा लेंगे। इससे पहले कांग्रेस के करीब 1700 एआईसीसी सदस्य होते थे। इस बार पार्टी ने संख्या कम की है। ऐसे में माना जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी के चुनाव को ध्यान में रखते हुए संख्या को कम किया गया है।
सीडब्ल्यूसी में 23 सदस्य होते हैं। इनमें से 11 सदस्यों को पार्टी अध्यक्ष नामित करते हैं जबकि 12 सदस्यों के लिए चुनाव कराए जाने का प्रावधान है। यदि संचालन समिति प्रस्ताव पारित कर अध्यक्ष को अधिकार सौंप देती है, तो इन सदस्यों को भी नामित किया जा सकता है।
थरूर के मुद्दे पर केरल कांग्रेस में झगड़ा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर को सीडब्ल्यूसी में जगह मिल सकती है। केरल कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर थरूर को सीडब्लूसी में नामित करने का अनुरोध किया है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस के कई नेता इसके खिलाफ हैं।
थरूर के करीबी नेताओं का कहना है कि वह सीडब्ल्यूसी का चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक नहीं हैं। थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था और उन्हें एक हजार से ज्यादा मत मिले थे। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें सीडब्ल्यूसी में जगह मिल सकती है। इस बीच, केरल कांग्रेस का एक तबका थरूर को सीडब्ल्यूसी में शामिल किए जाने की संभावनाओं से खुश नहीं है क्योंकि, इससे राज्य में उनका दबदबा बढ़ जाएगा। प्रदेश के वरिष्ठ नेता एके एंटनी और ओमन चांडी की तबीयत ठीक नहीं है, ऐसे में वह अधिवेशन में अनुपस्थित रह सकते हैं।
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