उज्जैन। जिला अभिभाषक संघ अभिभाषक सदस्यों ने सोमवार को न्यायिक कार्य नहीं किया और उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों का विरोध करते हुए मुख्य न्यायाधिपति उच्च न्यायालय के नाम ज्ञापन सौंपा। अभिभाषक संघ अध्यक्ष अशोक यादव की मौजूदगी में माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के नाम से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अशोक यादव, उपाध्यक्ष मुकेश आर. उपाध्याय तथा सचिव डॉ. प्रकाश चौबे ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा 62 दिनों में 25 सूचीबद्ध प्रकरणों के शीघ्र निराकरण एवं इसी प्रकार 100 प्रकरणों को चिह्नित कर 264 दिनों में सूचीबद्ध कर प्रकरणों को शीघ्र निराकरण के लिए सभी जिला न्यायालयों को जो निर्देश दिए हैं।
वे वस्तुत: अव्यवहारिक हैं और उसे सारे मध्यप्रदेश के अभिभाषकगण में तनाव हैं और इस कारण पक्षकारों के साथ भी न्याय नहीं हो रहा है, इससे न्यायालय व बार के मध्य जो मधुर संबंध प्रकरण के शीघ्र निराकरण के कारण समाप्त हो रहे है और न्यायिक व्यवस्था को प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है एवं न्यायालयीन समय के अतिरिक्त भी न्यायाधीश के साथ उनके स्टाफ व अभिभाषकों को कार्य करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है साथ ही पक्षकार भी परेशान हो रहा है। उच्च न्यायालय को इन परिस्थितियों की ओर ध्यानार्षित करने हेतु पूर्व में भी अभिभाषक संघ उज्जैन के अभिभाषक सदस्यों द्वारा बाध्य होकर 11 फरवरी को नेशनल लोक अदालत में न्यायालय को सहयोग करने से इंकार कर दिया था। इस अवसर पर उपाध्यक्ष मुकेश आर. उपाध्याय, सचिव डॉ. प्रकाश चौबे, कोषाध्यक्ष महेन्द्र सोलंकी, अरविन्द शर्मा, योगेश शर्मा एवं कार्यकारिणी सदस्यगण राजेश कपिल, विक्रांत बाथरी, इंसाफ एहमद कुरैशी, मुनिराज शर्मा, महेश शर्मा, धर्मेन्द्र पण्ड्या, प्रदीप देवतवाल, राकेश चौधरी, भारत मालवीय, अपेक्षा शुक्ला, अजय आंजना के साथ ही महेन्द्र कुमार जैन, मुरारीलाल पाठक, सत्यनारायण व्यास, मनीष मनाना, राजेन्द्र समदानी, द्वाराकाधीश चौधरी, मनमोहन जोशी, दिनेश उपाध्याय, सहित बडी संख्या में अभिभाषक सदस्यगण उपस्थित थे।
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