इंदौर (Indore)। देश-विदेश के दलों द्वारा लगातार इंदौर की स्वच्छता का अध्ययन (study of cleanliness) किया जा रहा है। इसी कड़ी में विश्व बैंक और एसआईडीबीआई बैंक (SIDBI Bank) के अधिकारी भी इंदौर आए और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित बायो सीएनजी प्लांट, आईसीसीसी कंट्रोल रूम के साथ कचरा ट्रांसफर स्टेशन का भ्रमण किया। वहीं आंध्रप्रदेश के 30 सदस्यीय दल ने भी शहर का भ्रमण कर स्वच्छता को लेकर किए गए तमाम प्रयोगों की जानकारी ली है। वहीं अभी जी-20 सम्मेलन में आए विदेशी मेहमानों को भी इंदौर की स्वच्छता और स्वाद पसंद आ रहा है। हेरीटेज वॉक के साथ सराफा के जायके का लुत्फ उठाया।
लगातार 6 बार स्वच्छता में नम्बर वन आए इंदौर के नगर निगम का डंका दुनियाभर में बज रहा है और इसी का परिणाम है कि उसका ग्रीन बॉण्ड पहले ही दिन ओवर सब्सक्राइब हो गया। आंध्रप्रदेश के 30 सदस्यीय दल ने सफाई के मॉडल को देखा, तो विश्व बैंक के 4 अधिकारियों के दल ने भी कचरा स्टेशन से लेकर तमाम इंदौर निगम द्वारा किए गए प्रयोग देखे। गीले कचरे से बायो सीएनजी से गैस बनाने के संयंत्र बड़े शहरों में स्थापित करने जा रही है और ऐसे संयंत्रों को विश्व बैंक से ही मदद दी जाना है, जिसके चलते उसकी टीम ने इंदौर आकर भ्रमण किया। आज और कल भी यह टीम इंदौर रहेगी।
उसके साथ ही मध्यप्रदेश ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण द्वारा विश्व बैंक से मिलने वाली राशि से बड़ा गणपति चौराहा से एयरपोर्ट तक बनाई जा रही सडक़ विकास के कार्यों को भी देखा। वहीं जल शक्ति मंत्रालय ने चूंकि इस बार चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार के लिए इंदौर को चार वर्गों में चयनित किया है। लिहाजा जल संवर्धन और संरक्षण के कार्यों के प्रमाणीकरण के लिए भी उसके सदस्यों का दल इंदौर आया और शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में हुए जल संरक्षण के कार्यों को देखा। कचरे से कमाई का मॉडल भी इन विशेषज्ञों को पसंद आ रहा है।
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