2008 में तत्कालीन पीएम ने किया था रेल लाइन का भूमिपूजन
इंदौर। आदिवासी बहुल झाबुआ जिले (Jhabua District) में इंदौर-दाहोद रेल लाइन परियोजना (Indore-Dahod Rail Line Project) के तहत स्टेशन निर्माण (Station Construction) की तैयारी शुरू हो गई है। पहले चरण में करीब 48.58 करोड़ रुपए खर्च कर झाबुआ में रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि इस साल मई तक झाबुआ में स्टेशन बनाने की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने फरवरी-2008 में झाबुआ में इंदौर-दाहोद और छोटा उदेपुर-धार रेल लाइन का शिलान्यास किया था। तब से अब तक 15 साल बीत चुके हैं, लेकिन झाबुआ और धार के नागरिक रेल लाइन देखने को तरस रहे हैं।
पश्चिम रेलवे के निर्माण विभाग ने झाबुआ स्टेशन की बिल्डिंग, फुट ओवरब्रिज, कवरिंग शेड, प्लेटफार्म निर्माण, यात्री सुविधाएं जुटाने और स्टाफ क्वार्टर बनाने समेत अन्य कार्यों के लिए निविदाएं बुला ली हैं, जो 16 मार्च को खोली जाएंगी। उसके बाद स्टेशन निर्माण का मैदानी काम झाबुआ में भी दिखने लगेगा। 205 किलोमीटर लंबी इंदौर-दाहोद रेल लाइन के लिए इस साल बजट में 440 करोड़ रुपए का बजट मिला है। तगड़ी राशि मिलने से धार-झाबुआ के लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ रही हैं कि उन्हें भी आने वाले वर्षों में जल्द रेलवे लाइन दिखने को मिलेगी। छोटा उदेपुर-धार रेल लाइन को इस साल 355 करोड़ रुपए मिले हैं। 2023 में धार में भी रेलवे स्टेशन निर्माण का काम शुरू होने की उम्मीद है।
इंदौर के बजाय दाहोद से जुड़ेगा झाबुआ
रेल लाइन बिछने और प्लेटफार्म बनने के बाद झाबुआ इंदौर के बजाय सबसे पहले दाहोद से जुड़ेगा। दाहोद से कटवारा के बीच रेल लाइन बिछाने का काम करीब-करीब पूरा हो गया है, जबकि कटवारा से पिटोल के बीच जमीन लेने की प्रक्रिया हो रही है। पिटोल से झाबुआ के बीच अर्थवर्क के टेंडर पश्चिम रेलवे पहले ही बुला चुका है। इस प्रोजेक्ट में सबसे जटिल सेक्शन झाबुआ से धार के बीच होगा, क्योंकि इसी हिस्से में माछलिया घाट में रेल लाइन का काम होना है। घाट सेक्शन में आधा दर्जन जगह सुरंग बनाने का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। यही वजह है कि झाबुआ-इंदौर रेल लाइन बिछने में वक्त लगेगा। रेलवे ने 2026 तक यह प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
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