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    हुजुर, गोविंदपुरा भाजपा के गढ़, नए चेहरों को उतार सकती है पार्टी

  • February 14, 2023

    • मौजूदा विधायक कद्दावर, बदल सकती है सीट

    भोपाल। भारतीय जनता पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट चयन में एक नई रणनीति अपनाने वाली है। जिसके तहत कद्दावर विधायकों को उनकी परंपरागत सीट से हटाकर जीतने वाली अन्य सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। पार्टी ने इस फंडे को अपनाया तो भोपाल में हुुजुर और गोविंदपुरा विधानसभा सीट से नए चेहरों को मौका मिलने का रास्ता साफ हो सकता है। खास बात यह है कि इन सीटों के मौजूदा विधायक चर्चित और कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं।
    भाजपा ने आकांक्षी विधानसभा (हारी सीट)सीटों से को जीतने के लिए रणनीति बनाई है। इसी रणनीति के तहत इन सीटों पर पार्टी के बड़े नेताओं को उतारा जाएगा। सभी जिलों की आकांक्षी सीटों पर पार्टी काम कर रही है। भोपाल जिले की बात करें तो यहां 7 विधानसभा सीट हैं। इनमें से 4 सीट नरेला, गोविंदपुरा, हुजुर और बैरसिया भाजपा के कब्जे में है। जबकि 3 विधानसभा सीट उत्तर, मध्य और दक्षिण-पश्चिम कांग्रेस के कब्जे में है। भाजपा की पूरी कोशिश है कि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कब्जे से सभी सीटों को छीनना है। उत्तर विधानसभा सीट को छोड़ दें तो मध्य और दक्षिण-पश्चिम से मौजूदा विधायकों को उतारने पर पार्टी में लगभग सहमति है। ऐसे में मध्य विधानसभा सीट से गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर को उतारा जा सकता है। जबकि दक्षिण-पश्चिम से हूजूर विधायक रामेश्वर शर्मा को शिफ्ट किया जा सकता है। इसके पीछे पार्टी के नेताओं का तर्क है कि शर्मा भाजपा के कद्दावर नेता हैं और पूर्व प्रोटेम स्पीकर रहे हैं। वे प्रदेश स्तर के नेता हैं। ऐसे में उन्हें दूसरी सीट जीतने में भी आसानी होगी। इसी तरह कृष्णा गौर पूर्व महापौर रही हंै, चर्चित चेहरा है। उन्हें भी दूसरी सीट पर ज्यादा परेशानी नहीं होगी। खास बात यह है कि अभी पार्टी ने इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया है। सिर्फ आकांक्षी विधानसभा को लेकर मंथन हुआ है।


    ये हैं नए दावेदार
    भाजपा में सबसे ज्यादा दावेदार गोविंदपुरा सीट के लिए जोरआजमाइश करते दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में भेल दशहरा मैदान पर दो कथाओं का आयोजन किया गया है। आयोजन बेशक भोज उत्सव समिति का था, लेकिन इन आयोजनों में पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने संरक्षक की भूमिका निभाई थी। शर्मा भी यहां से दावेदारी कर सकते हैं। मप्र भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष मनोरंजन मिश्रा का नाम भी दावेदारों में है। मिश्रा लंबे समय तक केंद्रीय नेतृत्व के साथ रहे हैं। हाईकमान में सबसे ज्यादा पकड़ वाले नेता हैं। हालांकि पिछले 4 साल से पार्टी ने किनारे कर रखा है। हाईकमान सीधे उन्हें दूसरे राज्यों के चुनाव में जिम्मेदारी सांैपता रहा है। सिंधिया समर्थक गिर्राज शर्मा भी दावेदारी करेंगे। गोविंदपुरा से पिछला चुनाव उन्होंने कांग्रेस से लड़ा था। हुजूर से कोई दावेदार सामने नहीं आया है। चुनाव के समय पार्टी अचानक नया नाम का ऐलान कर सकती है। जिसमें स्थानीय या बाहरी नाम चौंकाने वाला हो सकता है।
    इसी तरह मध्य से कई दावेदारों के नाम सामने हैं। इनमें से मप्र भाजपा संगठन के करीब दिखने वाले नेता भी शामिल हैं। एक महिला नेत्री ने भी टिकट की चाह में दिल्ली के फेरे बढ़ा दिए हैं। मध्य सीट से कृष्णा गौर को नहीं उतारा जाता है तो फिर अन्य दावेदार को मौका मिलेगा। दक्षिण सीट से कांग्रेस के पीसी शर्मा से ज्यादा मजबूत चेहरा रामेश्वर शर्मा हो सकते हैं। पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भी दावेदारी कर रहे हंै, लेकिन क्षेत्र में अभी भी गुप्ता के खिलाफ नाराजगी है। पिछले साल नगरीय निकाय चुनाव में गुप्ता के खिलाफ नारजगी देखने को मिली थी। कई पार्षद प्रत्याशियों ने गुप्ता से प्रचार कराने से परहेज किया था।

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