गंजियातेप (Ganjiatep)। तुर्किये और सीरिया (Turkeys and Syria) में आठ दिन पहले आए विनाशकारी भूकंप (Devastating Earthquake) के बाद बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य जारी है। अब तक मलबे से 33,181 शव निकाले जा चुके हैं। तुर्किये के 10 प्रांतों में 25 हजार से ज्यादा भवन समतल हो चुके हैं। भूकंप विशेषज्ञों (Earthquake experts) के मुताबिक, मलबे में अब भी 10 हजार से ज्यादा शव हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई विशेषज्ञ संस्थान भी मृतकों की कुल संख्या 50 हजार से ज्यादा होने का अनुमान लगा चुके हैं। पहले ही दिन से मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
दूसरी ओर अब दावा किया जा रहा है कि भूकंप में तुर्की औऱ सीरिया में मिलाकर 33 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं यह आंकड़ा अभी और बढ़ने का अनुमान है। तुर्की में भूकंप ना केवल आम लोगों पर कहर बनकर टूटा है बल्कि यह रेचेप तैय्यप आर्दोआन की सत्ता के लिए भी बड़ा संकट बनकर आया है। भूकंप के बाद आर्दोआन की सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। तुर्की में जल्द ही चुनाव भी होने वाले हैं ऐसे में आर्दोआन की सत्ता दांव पर लगी हुई है। इस समय जनता में आक्रोश है और वह आर्दोआन की अपील सुनने को भी तैयार नहीं है।
भीषण तबाही झेल रहे तुर्किये में फिर भूकंप आया है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक तुर्किये के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र कहरामनमरास में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 मापी गई। इसका केंद्र कहरामनमरास शहर से 24 किलोमीटर दक्षिण था।
इस बीच, तुर्किये ने भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित हाटाये प्रांत में हवाई अड्डे का परिचालन फिर से शुरू कर दिया है। तुर्किये के परिवहन एवं अवसंरचना मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तस्वीरें साझा कर यह जानकारी दी है। तुर्किये के स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका के अनुसार, रविवार को विनाशकारी भूकंप के 108 घंटे बाद बचावकर्मियों ने हाटाये प्रांत में चमत्कारिक रूप से दो महीने के बच्चे को इमरात के मलबे से जिंदा निकाला। संयुक्त राष्ट्र के राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने इस सप्ताह की शुरुआत में दक्षिणी तुर्किये और उत्तर-पश्चिमी सीरिया में आए शक्तिशाली भूकंप को एक सदी में होने वाली सबसे खराब घटना करार दिया है।तुर्किये और सीरिया की मदद के लिए भारत समेत दुनिया के कई राष्ट्रों ने हाथ बढ़ाए हैं। भारत ने दोनों देशों को आपरेशन दोस्त के तहत राहत और बचाव टीमों के साथ दवाएं और उपकरण भेजे हैं।
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