इंदौर (Indore)। प्राधिकरण (authority) द्वारा ऐसे तो 11 फ्लायओवर निर्मित (Built on a flyover) करवाए जाएंगे, मगर इनमें से लगभग आधा दर्जन फ्लायओवरों (half a dozen flyovers) का निर्माण विधानसभा चुनाव से पहले शुरू करवाने का लक्ष्य रखा गया है। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) फूटी कोठी चौराहा पर बनने वाले फ्लायओवर का भूमिपूजन करेंगे, जिस पर 55 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। 625 मीटर लम्बा और सिक्स लेन के इस ओवरब्रिज में हल्का सा कर्व भी रहेगा और इसके बनने से क्षेत्र की यातायात समस्या हल हो सकेगी। इसके बाद प्राधिकरण लवकुश चौराहा पर बनने वाले डबल डेकर ओवरब्रिज का भी भूमिपूजन मुख्यमंत्री के हाथों करवाएगा। यह इंदौर का सबसे महंगा ओवरब्रिज रहेगा, जिसके लिए प्राधिकरण ने टेंडर भी बुलवा लिए हैं।
प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा के मुताबिक आज मुख्यमंत्री से फूटी कोठी चौराहा के फ्लायओवर का भूमिपूजन करवाया जा रहा है, जिसकी टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी है और 18 महीने इसकी निर्माण अवधि रखी गई है। 55 करोड़ की लागत से बनने वाले इस सिक्स लेन ओवरब्रिज की चौड़ाई लगभग 24 मीटर और लम्बाई लगभग 625 मीटर रहेगी। दोनों ब्रिज में 11-11 मीटर चौड़ाई के दो स्पान रहेंगे और रोजाना इस क्षेत्र से गुजरने वाले एक लाख से अधिक लोगों को इस ओवरब्रिज के बन जाने से सुगम यातायात का लाभ मिलेगा। यह ओवरब्रिज पीएससी गर्डर तकनीक से बनाया जाएगा। श्री चावड़ा का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप लवकुश चौराहा पर भी डबल डेकर फ्लायओवर निर्मित करवाया जाएगा, जिसके लिए पिछले दिनों टेंडर बुला लिए हैं, जिसमें अनुमानित लागत 140 करोड़ रुपए आंकी गई है और यह इंदौर का सबसे महंगा और महत्वपूर्ण फ्लायओवर रहेगा।
इससे एमआर-10 से सुपर कॉरिडोर, बाणगंगा से उज्जैन रोड के बीच 2 लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही सुगम हो सकेगी। यह अपने तरह का इंदौर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश का सबसे विशाल अनूठा डबल डेकर ओवरब्रिज रहेगा। इसके साथ ही प्राधिकरण ने पिछले दिनों 200 करोड़ से अधिक के अन्य फ्लायओवरों को भी मंजूरी दी है, जिसमें खजराना, भंवरकुआ चौराहा के फ्लायओवर भी शामिल हैं। वैसे तो प्राधिकरण लगभग 11 फ्लायओवर बनवा रहा है, ताकि सभी प्रमुख और यातायात के लिए सघन चौराहों पर इन फ्लायओवरों के निर्माण से यातायात जाम से मुक्ति मिल सकेगी। जैसे अभी पिपल्याहाना और बंगाली फ्लायओवर बन जाने से उस हिस्से का यातायात अत्यंत सुगम हो गया है। इसके अलावा टीपीएस योजनाओं में आने वाली मास्टर प्लान सहित अन्य सडक़ों का निर्माण भी प्राधिकरण करवा रहा है, तो एमआर रोड के निर्माण में भी तेजी लाई जा रही है। इतना ही नहीं, प्राधिकरण सुपर कॉरिडोर पर 20 एकड़ से अधिक जमीन पर स्टार्टअप पार्क के निर्माण के साथ ही 10 हजार की बैठक क्षमता वाले कन्वेंशन सेंटर के निर्माण की योजना भी तैयार कर चुका है और उसके दो आईएसबीटी यानी अंतराज्यीय बस टर्मिनल भी अगले कुछ महीने में तैयार हो जाएंगे, जिसमें एमआर-10 स्थित कुमेर्डी के बस टर्मिनल का सिविल वर्क तो अगले महीने के अंत तक खत्म हो जाएगा, वहीं दूसरा बस टर्मिनल आरटीओ के पास नायता मूंडला में बन रहा है, उसके बाधक निर्माणों को हटाने के बाद उसकी भी गति बढ़ गई है।
एमपीआरडीसी भी निर्मित करेगा चार फ्लायओवर
इंदौर में प्राधिकरण के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग और एमपीआरडीसी द्वारा भी ओवरब्रिजों के निर्माण करवाए जा रहे हैं। अगले दो-तीन सालों में शहर में डेढ़ दर्जन से ज्यादा ओवरब्रिज तैयार हो जाएंगे। बायपास पर भी चार ओवरब्रिजों का निर्माण एनएचआई द्वारा कराया जा रहा है, तो एमपीआरडीसी ने भी चार फ्लायओवरों के निर्माण की तैयारी की है, जिसमें खंडवा रोड स्थित आईटी पार्क चौराहा, सत्यसांई चौराहा, देवास नाका चौराहा और मूसाखेड़ी चौराहा पर ये फ्लायओवर बनेंगे। एक पांचवें फ्लायओवर के मरीमाता चौराहा पर बनाए जाने की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इन फ्लायओवरों से इंदौर के यातायात को गति मिलेगी, जो अभी बदनाम है।
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