विदिशा। 6 फरवरी की सुबह शहर के मेन निकासा रोड गोपाल स्वीट्स के सामने पांच बदमाशों ने एक युवक पर धारदार हथियारों से हमला कर अधमराकर लहू लुहान कर दिया था। युवक को इतनी बेरहमी से मारा गया था कि उसे इलाज के लिए भोपाल रेफर करना पड़ा। इस गंभीर मारपीट के आरोप में कोतवाली पुलिस ने सबसे पहले साधारण मारपीट और फेक्चर की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। यहीं से कोतवाली पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े होना शुरू हो गया था कि इतनी गंभीर मारपीट के बदले में पुलिस सिर्फ मारपीट की धाराओं के मामला दर्ज कर रही है। बताया गया कि 2 से 3 दिन पहले कोतवाली पुलिस ने धाराओं ने इजाफा कर जानलेवा हमले की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया था। घायल युवक ने भोपाल में इलाज के दौरान शनिवार को दम तोड़ दिया। जिसके बाद पुलिस ने हरकत में आते हुए आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
युवक की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने रविवार को कोतवाली के सामने चक्काजाम कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं परिजनों ने आरोप लगाया कि एक भाजपा नेता के दबाव में पुलिस ने समय रहते कार्यवाही नहीं की है। मृतक की पत्नी पूर्वी ने बताया उसके पति सोमवार को दुकान खोलने के लिए जा रहे थे तो पांच युवकों ने पीछे से हमला कर दिया और उनके साथ बुरी तरीके से मारपीट कर दी, जिससे उनके शरीर में अंदरूनी चोट आई थी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलना चाहिए। कइलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। आरोपी सूरज खटीक, पवन खटीक, नरेन्द्र पंथी, रवी सैनी के खिलाफ पुलिस न हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया।
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