नई दिल्ली। श्रीलंका के तमिल बहुल जाफना में भारत सरकार के सहयोग से बनकर तैयार हुए जाफना सांस्कृतिक केंद्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-श्रीलंका के बीच एक महत्वपूर्ण पहल बताया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह सांस्कृतिक केंद्र देानों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध को दर्शाता है।
बता दें, शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सांस्कृति केंद्र का उद्घाटन किया। इस दौरान भारत के सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान यह सांस्कृतिक केंद्र जाफना के लोगों को समर्पित किया गया।
पीएम ने जाफना यात्रा की साझा की तस्वीरें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में जाफना सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया था। शनिवार को उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर जाफना यात्रा की तस्वीरें भी साझा कीं। पीएम मोदी ने कहा, मैं 2015 में जाफना की अपनी विशेष यात्रा को कभी नहीं भूलूंगा, जहां मुझे जाफना सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखने का अवसर मिला था। इस दौरान केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री एल मुरुगन ने जाफना सांस्कृतिक केंद्र का उद्घाटन करते हुए जाफना विश्वविद्यालय के आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के 100 छात्रों के लिए एक विशेष घोषणा की।
The Jaffna Cultural Center is an important initiative signifying the close cultural cooperation between India and Sri Lanka. It will benefit several people. The august presence of President Ranil Wickremesinghe made the programme even more special. @RW_UNP https://t.co/PP2xbBhMms
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2023
I will never forget my special visit to Jaffna in 2015, where I had the opportunity to lay the foundation stone for the Jaffna Cultural Centre. Here are some glimpses from that visit. pic.twitter.com/wS3I438Uaj
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2023
जाफना की सबसे ऊंची इमारत
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की विज्ञप्प्ति में कहा गया कि जाफना पब्लिक लाइब्रेरी के बगल में स्थित जाफना सांस्कृतिक केंद्र जाफना शहर की सबसे ऊंची इमारत होगी। जाफना सांस्कृतिक केंद्र भारत और श्रीलंका के बीच विकास साझेदारी का एक शानदार उदाहरण है। इसे मुख्य रूप से उत्तरी प्रांत के लोगों के लिए सांस्कृतिक बुनियादी ढांचे का विस्तार करने के उद्देश्य से एक सुलह परियोजना के रूप में माना गया था। सांस्कृति केंद्र में दो मंजिलों का एक संग्रहालय, 600 से अधिक लोगों के लिए एक उन्नत थिएटर-शैली का सभागार, एक 11-मंजिला शिक्षण टॉवर और एक सार्वजनिक चौक जो एक एम्फीथिएटर के रूप में भी कार्य कर सकता है।
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