अंकारा (Ankara)। जब भी किसी देश में प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) आती है तो मदद के लिए भारत (India) सबसे पहले खड़ा होकर अपनी जिम्मेदारी (Responsibility) निभाने लगता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। भूकंप प्रभावित तुर्किये और सीरिया (earthquake affected turkey and syria) के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत शनिवार देर शाम 7वां विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से रवाना किया। वायु सेना के इस विमान में राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता, आपातकालीन और महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं, चिकित्सा उपकरण और उपभोग्य वस्तुएं हैं। इससे पहले भी भारत ने विशेष विमानों से दोनों देशों के लिए आर्मी फील्ड अस्पताल से 89 सदस्यीय सेना की मेडिकल टीम भेजी है। एनडीआरएफ की टीमें तुर्किये में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हैं।
बता दें कि दुनिया में कहीं भी संकट आता है तो भारत सबसे पहले मदद का हाथ आगे बढ़ा देता है। तुर्की और सीरिया में भारत की 60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल सेवा दे रही है। भारत की यह मेडिकल यूनिट अपने काम की वजह से पहली बार चर्चा में नहीं है बल्कि 1950 से 1954 के बीच कोरिया युद्ध के समय भी यह टीम लोगों के लिए देवदूत बन चुकी है। इसे लोग ‘एंजल्स इन मरून बेरेट्स’ के नाम से भी जानते हैं। 1950 में लेफ्टिनेंट कर्नल एजी रंगाराज को 60वीं पैराशूट फील्ड ऐंबुलेंस की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इस यूनिट की पहली बार तैनाती 29 नवंबर 1950 को प्योंगयांग में की गई थी। इसके दो सब यूनिट में बांटा गया था। पहले ग्रुप में 27 ब्रिटिश ब्रिगेट थे। ये दोनों ही यूनिट लोगों के इलाज में सेना की मदद करती थी। इस यूनिट की फॉरवर्ड एलिमेंट लोगों को एयरलिफ्ट करने और अस्पताल तक पहुंचाने में मदद करती थी।
इस टुकड़ी का नेतृत्व करने वाले कर्नल रंगाराज को महावीर चक्र से नावाज गया था। अब सीरिया और तुर्की में भी भारतीय सेना ने 60 पैरा फील्ड अस्पताल एक स्कूल में स्थापित किया है। भूकंप पीड़ितों का यहां इलाज किया जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि भारतीय सेना का अस्पताल सर्जिकल, मेडिकल और इमर्जेंसी वॉर्ड चला रहा है। इसमें एक्सरे और मेडिकल स्टोर की भी सुविधा मौजूद है। ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत सेना का यह अस्पताल लोगों की मदद कर रहा है। अब तक सेना सैकड़ों लोगों का इलाज कर चुकी है।
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