नई दिल्ली (New Delhi) । भूकंप (Earthquake) ने तुर्की और सीरिया (Turkey and Syria) में जमकर तबाही मचाई है. अब तक वहां 28 हजार लोगों की मौत (Death) हो चुकी है. इस बीच भूकंप से कराह रहे तुर्की में लूटपाट की घटनाएं (robbery incidents) बढ़ गई हैं. पुलिस ने भूकंप के बाद लूटपाट मचाने वाले 48 लोगों को गिरफ्तार किया है. तुर्की की समाचार एजेंसी अनादोलु के मुताबिक, 6 फरवरी को को आए शक्तिशाली 7.8 मैग्नीट्यूड के भूकंप के झटके के बाद लूटपाट के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई थी. इन घटनाओं के बाद जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने जांच के बाद 8 अलग-अलग प्रांतों से 48 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है.
भूकंप के बाद से लेकर अब तक तुर्की और सीरिया में 28 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने 10 प्रांतों में तीन महीने का आपातकाल घोषित कर दिया है. लूट की घटनाएं बढ़ने के बाद एर्दोगन ने वादा किया था कि वे इन वारदातों पर लगाम लगा देंगे. उन्होंने कहा था कि लूट और अपहरण जैसी वारदात में शामिल लोगों को पता होना चाहिए कि देश में इन वारदातों को अंजाम देने वाले बचेंगे नहीं.
तुर्की-सीरिया के लिए भारत का 7वां विमान रवाना
इधर, भूकंप से तबाही के बीच भारत ने मदद के लिए एक और विमान भेजा है. उत्तर प्रदेश के हिंडन एयरपोर्ट से राहत सामग्री के साथ 7वां प्लेन तुर्की और सीरिया के लिए रवाना हो चुका है. इस फ्लाइट में भूकंप पीड़ितों के लिए जीवन रक्षक दवाएं, फील्ड हॉस्पिटल, कंबल और स्लीपिंग मैट जैसी जरूरी चीजें हैं. अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार शाम को रवाना किया गया 7वां विमान सबसे पहले सीरिया की राजधानी दमिश्क पहुंचेगा, यहां राहत सामग्री उतारने के बाद यह फ्लाइट तुर्की के अडाना के लिए रवाना हो जाएगी.
भारत ने भेजी 35 टन से ज्यादा सामग्री
विमान 35 टन से ज्यादा राहत सामग्री ले जा रहा है, जिसमें से 23 टन से ज्यादा सामग्री सीरिया में और करीब 12 टन तुर्की पहुंचाई जाएगी. सीरिया को भेजी जाने वाली सहायता में स्लीपिंग मैट, जनरेटर सेट, सोलर लैंप, तिरपाल, कंबल, आपातकालीन और महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं और आपदा राहत सामग्री जैसी राहत सामग्री शामिल हैं. तुर्की को भेजी गई मदद में भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों के लिए आपूर्ति, ईसीजी, रोगी मॉनिटर, एनेस्थीसिया मशीन, सिरिंज पंप और ग्लूकोमीटर जैसे चिकित्सा उपकरण शामिल हैं. राहत सामग्री की खेप में कंबल और अन्य राहत सामग्री भी शामिल हैं. बता दें कि तुर्की में भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में पहले ही भूकंप में घायल हुए कई लोगों को चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा रहा है.
एक के बाद एक आए भूकंप के 5 झटके
तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका.
इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा. भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. बताया जा रहा है कि इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वीं झटका आया.
1999 में भूकंप ने छीन ली थीं 18 हजार जानें
तुर्की की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं. 1999 में आए भूकंप में 18,000 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. बता दें कि सीमावर्ती सीरिया में भी भूकंप ने तबाही मचाई, जिसकी खौफनाक तस्वीरें सामने आईं.
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