नई दिल्ली (New Delhi) । चुनावी राज्य राजस्थान (Rajasthan) को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने अपनी कमर कस ली है। दोनों पार्टियां अपने अपने स्तर पर जनता के वोटों पर अपना दबदबा बनाने में जुटी हैं। एक तरफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार बजट (Budget) में लोगों को सुविधाएं देने का वादा कर रही है, तो दूसरी तरफ बीजेपी एक्सप्रेस-वे (expressway) की सुविधाएं गिनाने में जुटी है।
बजट के जरिए राजस्थान में गढ़ बचाएगी कांग्रेस?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक सिंह गहलोत ने अपने आखिरी बजट में राज्य को कई सौगात दी। धौलपुर जिले को करोड़ों रुपए की सड़क, फूड पार्क, नशा मुक्ति केंद्र, अल्पसंख्यक छात्रावास, चार पुलिया और विवेकानन्द यूथ हॉस्टल की सौगात दी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट में करौली जिले का भी ध्यान रखा है. राजस्थान के पूर्वी इलाके में को हमेशा की तरह साधे रखने के लिए मुख्यमंत्री ने कुल मिलाकर बजट के सहारे सरकार रिपीट की तैयारी की है. यह ध्यान रहे की 12 फरवरी को दौसा जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा होने जा रही है.
एक्सप्रेस-वे की सौगात से पीएम साधेंगे राजस्थान?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का चरण राजस्थान तक तैयार कर लिया गया है। इसकी शुरुआत रविवार को पीएम मोदी करने वाले हैं। लिहाजा बीजेपी राजस्थान में एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन को अमह मानती है और इसके सहारे लोगों से वोट की उम्मीद भी करती है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की खासियत
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे आठ लेन का एक्सेस-नियंत्रित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे होगा, जिसे भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। यह पांच राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए रास्ते के किनारे 94 सुविधाएं होंगी। एक्सप्रेस-वे पर 40+ प्रमुख इंटरचेंज होंगे जो कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत से कनेक्टिविटी साबित होंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे परियोजना के सोहना-दौसा खंड को मंगलवार से यातायात के लिए खोले जाने की संभावना है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और बीजेपी में जनता किस ओर अपना झुकाव जाहिर करती है और किस पार्टी को सूबे में सिरमौर बनाती है।
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